समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और कार्रवाई की है। योगी सरकार ने आजम खान को मिलने वाली लोकतंत्र सेनानी पेंशन पर रोक लगा दी है। यह फैसला आजम खान पर दर्ज आपराधिक मुकदमों को देखते हुए लिया गया है। शुरू में पेंशन की रकम पांच सौ रुपये प्रतिमाह थी, जो अब बढ़कर 20 हजार रुपये हो गई है।
2005में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को लोकतंत्र सेनानी पेंशन देने की शुरुआत की थी। इसके तहत आजम खान को भी पेंशन दी जा रही थी, लेकिन अब योगी सरकार ने आजम खान की पेंशन को रोक लगा दी है। रामपुर में लोकतंत्र सेनानी पेंशन 37 लोगों को दी जा रही थी।
आपातकाल के दौरान आजम खान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ से जुड़े थे और जेल भेजे गए थे। लोकतंत्र सेनानी पेंशन की शुरुआत के समय से उन्हें भी यह पेंशन दी जा रही थी। बुधवार को रामपुर जिले के लोकतंत्र सेनानियों के नाम की नई लिस्ट जारी की गई है, जिसमें आजम खान का नाम नहीं है।
नगर आयुक्त से बहस के बाद ज़ोनल पद से हटाई गई मुलायम सिंह समधन
डीएम आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की वजह से सांसद आजम खान की पेंशन रोकी गई है। कुछ समय पहले इस बारे में शासन स्तर से जानकारी मांगी गई थी। रामपुर की नई लिस्ट में अब 35 लोगों का ही नाम है, जबकि पहले 37 लोगों को लोकतंत्र सेनानी पेंशन मिलती थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आते ही सांसद आजम खान पर कई मुकदमें दर्ज किए थे। उन पर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के 26 मुकदमे किसानों ने दर्ज कराए। अब सांसद आजम खान के खिलाफ 85 मुकदमे अदालतों में विचाराधीन हैं। बीते एक साल से आजम खान जेल में बंद हैं।