इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में पूर्व मंत्री आज़म खां की बहन ने रिवर बैंक कालोनी स्थित सरकारी घर की बेदखली को लेकर गुहार लगाई है ।
अदालत ने नगर निगम के वकील से कहा कि इस बीच आवश्यक दस्तावेज याची को उपलब्ध कराए । साथ ही पीठ ने याची के वकील से भी कहा कि वह बताएं कि याची सरकारी घर की हकदार कैसे है। मामले की सुनवाई कल 18 नवम्बर को होगी ।
न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायामूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश आज़म की बहन निखत अफ्लाक़ की याचिका पर दिया। इसमें याची ने गत 24 अगस्त की उस कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी है जिसमें उन्हें शहर की रिवर बैंक कालोनी में आवंटित आवास ए-2/1 को खाली करने को कहा गया था। कहा गया था कि याची इस मकान में नहीं रहती हैं और वर्ष 1951 की नीति के तहत यह आवास सरकारी सेवकों के लिए था। चूंकि याची सरकारी सेवक नहीं है लिहाजा वह आवंटन की हकदार नहीं है। सरकारी सेवक न/न होने के इस दूसरे आधार को लेकर याची को कारण बताओ नोटिस नहीं दी गई थी और इस सम्बन्ध में उन्हें कोई सामग्री भी नहीं दी गई थी।
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इसपर उच्च न्यायालय ने नगर निगम के वकील को निर्देश दिया था कि वह याची को जरूरी दस्तावेज मुहैया करवायें। साथ ही याची की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार को भी कहा था कि वह अदालत को संतुष्ट करें कि क्या कानूनन याची उक्त आवास के आवंटन की हकदार थी।
मंगलवार को मामले की सुनवाई का पर्याप्त समय न/न होने की वजह से न्यायालय ने पक्षकारों के वकीलों के संयुक्त अनुरोध पर मामले की अगली सुनवाई कल बुधवार को नियत की है।