समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। उत्तर प्रदेश जलनिगम नियुक्ति धांधली मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा सांसद आजम खान की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को हाईकोर्ट के लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दी थी।
दरअसल 25 अप्रैल 2028 को इस केस में आजम खान के खिलाफ लखनऊ के एसआईटी थाने में भारतीय दंड सहिंता की धारा 409, 420, 120बी और 201 के तहत केस दर्ज हुआ था। कोर्ट ने अब उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
दरअसल जल निगम में 1,300 पदों पर नियुक्तियों से सम्बंधित धांधली के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में आजम खान की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई थी। जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश मोहम्मद आजम खान की याचिका पर दिया है।
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पीठ के समक्ष इस याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। आजम खान की इस याचिका पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और आईबी सिंह ने बहस की। याचिका में आजम खान को जमानत देने की मांग की गई थी।
याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकील का कहना था कि रामपुर जनपद के दो आपराधिक मुकदमों में आजम खान पहले से न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। 18 अप्रैल, 2020 को इस मामले में सक्षम न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ बी-वारंट जारी किया जा चुका है। 19 नवंबर, 2020 को यह वारंट सीतापुर जेल में आजम खान को प्राप्त भी करा दिया गया है। एकल पीठ ने इस पर माना कि वर्तमान मामले में आजम खान इस मामले में बी-वारंट के आधार पर हिरासत में हैं। ऐसे में अग्रिम जमानत का औचित्य ही नहीं रह जाता।