उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ। इफ्तेखार अहमद ने सांसद आजम खान सरकारी मदरसे पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। अहमद ने कहा कि यूपी में सपा की सरकार में रामपुर के मदरसे पर कब्जा किया गया है।
ऐसे में रामपुर से सांसद और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें और बढ़तीं नजर आ रहीं हैं। खान पहले से ही जेल में बंद हैं। आरोप है कि आजम खान ने पूर्ववर्ती सपा सरकार में रामपुर के एक सरकारी मदरसे पर कब्जा किया है।
आजम खान फरवरी, 2020 से ही सीतापुर जेल में बंद हैं। उन पर रामपुर में अवैध जमीन कब्जाने और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने जैसे कई आरोप लगे हैं।
जुटाई जा रही मदरसों की जानकारी
डॉ। इफ्तेखार अहमद का कहना है कि वह इन दिनों अलग-अलग जिलों में जाकर मदरसों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। साथ ही वह मदरसों में जाकर उनका निरीक्षण कर रहे हैं और नीतिगत विषयों पर भी जानकारी ले रहे हैं। डॉ। इफ्तेखार अहमद जावेद ने आजम खान पर कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आजम खां ने रामपुर में एक पुराने मदरसे पर कब्जा जमाया हुआ है।
‘सरकारी मदरसे पर आजम खान का कब्जा’
मदरसा बोर्ड चेयरमैन गुरुवार को मेरठ के मदरसों का निरीक्षण करने पहुंचे। जानी व गुदड़ी बाजार में मदरसों का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने सर्किट हाउस में मीडिया से बात की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने आजम खान पर कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा गुरुवार को रामपुर में एक पुराने मदरसे की निरीक्षण किया, जिसपर आजम का कब्जा है। हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
‘मदरसे को कन्वर्ट करके बनाया रामपुर पब्लिक स्कूल’
उन्होंने बताया कि रामपुर में एक पुराना मदरसा है। साल 1774 उसको बनाया गया था। पूरे प्रदेश में एक इकलौता मदरसा है, जो गवर्नमेंट का है। उस मदरसे में विदेश से भी बच्चे पढ़ने आया करते थे। अब आजम खान ने उसको कन्वर्ट करके रामपुर पब्लिक स्कूल बना लिया। इसके बाद लीज पर लेकर और मदरसे को उठाकर दूसरी जगह दो कमरों में शिफ्ट कर दिया गया है। 2 कमरों में 53 बच्चे पढ़ते हैं।
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उन्होंने कहा कि आजम कौम के नेता बनते हैं और मदरसे पर इन्होंने ऐसे कब्जा कर रखा है जो बेहद तकलीफ दे है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी और पूरी जांच की जाएगी। साथ ही फाइलें निकाली जाएंगी और क्या कहानी है, उसका भी पता किया जाएगा। जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने इस मदरसे को बनाने के लिए एक करोड़ रुपया दिया था।
उन्होंने कहा कि इस मदरसे में स्व। जौहर अली शिक्षक थे। विश्वविद्यालय भी उनके नाम पर बनवाया गया है। लेकिन हम मदरसे में अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ज़रूरत पड़ी तो मामले में एफआईआर भी कराएंगे।