कोरोना काल के चलते इस बार अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। वहीं आज अमरनाथ यात्रा की पहली पूजा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन यानी आज पवित्र गुफा स्थल पर हुई। यह एक पारंपरिक पूजा अर्चना हुई जिसका बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा से आरती का सीधा प्रसारण भी किया गया।
वहीं श्राइन बोर्ड की तरफ से आज अमरनाथ यात्रा की पहली पूजा से पहले नंदी को पहलगाम में शिफ्ट कर दिया गया है। ये नंदी जी कईं सालों से अमरनाथ गुफा के बाहर स्थापित थे। कहा जाता है कि नंदी के बिना शिव की पूजा को अधूरा माना जाता है।
आज आसमान में दिखेगा स्ट्रॉबेरी और रेड मून, जानिए इसका खास महत्व
वहां से नंदी जी के गायब होने की तस्वीरें आई है जिसमें नंदी को पहलगाम में देखा जा सकता है। इन तस्वीरों को वहां पहुंचे एक श्रद्धालु ने भेजी है। उनका कहना है कि आजतक ऐसा कभी नहीं हुआ कि चांदी के नंदी के बिना शिव की पूजा हुई है। हालांकि श्राइन बोर्ड की तरफ से अभी अधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है कि नंदी को क्यों पहलगाम में स्थापित किया गया।
क्या है पौराणिक कथाएं
कहते हैं भगवान भोलेनाथ ने अपनी सवारी नंदी को पहलगाम पर छोड़ दिया। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान शिव अमरनाथ गुफा जा रहे थे तो उन्होंने अपनी सभी प्रिय चीजों और गणों का त्याग कर दिया था। इसमें उन्होंने सबसे पहले अपने प्रिय वाहन नंदी बैल का त्याग किया। शिव चाहते तो दुर्गम रास्ते पर नंदी को सबसे बाद में भी छोड़ सकते थे लेकिन उन्होंने सबसे पहले नंदी को छोड़ा। तब से ये स्थान पहलगांव के नाम से प्रसिद्घ हुआ, इसे पहले बैलगांम भी कहते थे।