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बाबा का गौना उत्सव शुरू, 15 मार्च को भूतनाथ खेलेंगे चिता-भस्म की होली

वाराणसी। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का गौना (Baba’s Gauna) उत्सव आज शुरू हो रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पास टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत आवास पर गौरा के हल्दी तेल की रस्म निभाई जाएगी। वहीं, वाराणसी में 14 मार्च को रंगभरी एकादशी पर श्रीकाशी विश्वनाथ का गौना शहरभर में बाजा, बारात और भूतनाथ के साथ निकलेगा। बाबा विश्‍वनाथ अपने गणों के साथ अपनी ससुराल पहुंचेंगे, जहां से मां गौरा की विदाई कराकर भक्तों के साथ होली खेलेंगे।

वहीं, अगले दिन 15 मार्च को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म की होली खेली जाएगी। मणिकर्णिका के साथ हरिश्चंद्र घाट पर भी स्वयं भूतभावन अड़भंगी बनकर जलती हुई चिताओं से राख उठाकर लोगों पर डालेंगे। इसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से शिवभक्त काशी आते हैं। यह रस्म पिछले 364 साल से निभाई जा रही है।

शिवांजलि होगा सबसे खास

रंग भरी एकादशी कार्यक्रम का मंच श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के आवास के पास एक खुले स्थान पर बनाया जाएगा। यहां पर बाबा विश्वनाथ पर आधारित पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम शिवांजलि का आयोजन किया जाएगा। इसमें देश विदेश में अपनी खास पहचान रखने वाले कलाकारों की हाजिरी लगेगी।

दुनिया के तमाम देशों में अपने तबला वादन का लोहा मनवा चुके पंडित अशोक पांडेय, चारों पट की गायकी में समान रूप से दक्षता रखने वाली विदुषी सुचारिता गुप्ता, भक्ति लोक संगीत के सशक्त हस्ताक्षर पागल बाबा भक्तों को अपनी आध्यात्मिक धुन पर नचाएंगे। वहीं, सूफियाना रॉक के लिए देशभर में मशहूर रुद्रनाथ बैंड के लीड सिंगर अमित त्रिवेदी बाबा पर होली गीत सुनाएंगे। इनके अलावा आराधना सिंह, नैना मिश्रा और प्रियंका पांडेय भी भजन गाएंगी।

बाबा विश्वनाथ के गौने की तैयारियां शुरू, महंत आवास पर रंगभरी एकादशी उत्सव

डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि शुक्रवार से बाबा के गौना उत्सव के नियमित होने वाले लोकाचार शुरू हो गए हैं। लोकोत्सव में भीड़ प्रबंधन के लिए इस वर्ष विशेष व्यवस्था की गई है। भगवान शिव की चल प्रतिभा के दर्शन के लिए प्रवेश और निकास अलग-अलग रास्ते से होंगे। यह निर्णय डॉ. तिवारी की अध्यक्षता में हुई क्षेत्रीय नागरिकों की बैठक में लिया गया।

डमरू की थाप और शहनाई की धुन के साथ बाबा भोले नाथ की गली गुलाल से हुई रंगीन

डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि 14 मार्च को रंगभरी एकादशी के उत्सव में शामिल होने वालों को कन्हैया चित्र मंदिर और सेंट्रल होटल के सामने वाली गली से प्रवेश दिया जाएगा। दर्शन करने के बाद भक्तों की निकासी महंत आवास के बगल वाले आवास के परिसर से भंडारी गली की की ओर होगी। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम शिवांजलि के स्थान में भी परिवर्तन किया गया है। इस बार कार्यक्रम का मंच महंत आवास के बगल में खुले स्थान पर बनाया जाएगा।

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