नई दिल्ली। अयोध्या में 28 साल पुराने विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। ऐसे में कोर्ट ने मामले के सभी 32 मुख्य आरोपियों को बरी कर दिया गया है। बता दें कि इस मामले में कुल 49 आरोपी थे, जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। कोर्ट में फैसला सुनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जज एसके यादव फैसले की ब्रीफिंग पढ़ते हुए पहली टिप्पणी में कहा कि यह घटना पूर्व नियोजित नहीं थी।
All accused in Babri Masjid demolition case acquitted by Special CBI Court in Lucknow, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/9jbFZAVstH
— ANI (@ANI) September 30, 2020
अयोध्या में बाबरी विध्वंस के करीब 28 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। साल 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतंबरा, विनय कटियार, राम विलास वेंदाती के अलावा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
परिवार के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर रहे संजय दत्त
जानिए इस केस में कौन-कौन 32 अभियुक्त हुए हैं बरी
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश वर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण सिंह, कमलेश्वर त्रिपाठी, रामचंद्र, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमरनाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, स्वामी साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर।