6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस ने भारत के इतिहास के पाठ्यक्रम को बदल दिया। जैसा कि सीबीआई की विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, उमा भारती को अन्य लोगों के साथ बरी कर दिया, शीर्ष वकील युग मोहित चौधरी फैसले के बड़े निहितार्थ को देखते हैं। ऐसा क्यों है कि सीबीआई 28 साल बाद कोई सबूत पाने में नाकाम रही?
बाबरी फैसला: शीर्ष वकील ने क्यों कहा फैसला सीबीआई की मिलीभगत
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