लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य के स्थानीय निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में अन्य पिछड़े वर्गों को आरक्षण प्रदान करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा 28 दिसम्बर, 2022 को 05 सदस्यीय गठित पिछड़ा वर्ग आयोग (Backward Classes Commission) की आज सूडा निदेशालय में पहली बैठक आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में की गयी।
आयोग (Backward Classes Commission) ने आज से ही अपने कार्यों एवं दायित्वों का संचालन शुरू कर दिया है और प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्ग के पिछड़ेपन की प्रकृति का अध्ययन करने के पश्चात सरकार को अपनी अनुशंसाएं प्रदान करेगा। आयोग की औपचारिक बैठक में आयोग के अन्य सदस्यों में महेन्द्र कुमार, संतोष कुमार विश्वकर्मा एवं ब्रजेश कुमार सोनी उपस्थित थे तथा चोब सिंह वर्मा ने वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में नगर विकास के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, निदेशक नेहा शर्मा, निदेशक सूडा राजेन्द्र पेन्सिया, अपर निदेशक मो0 असलम अंसारी, मुख्य अभियन्ता राजवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पिछड़ा वर्ग आयोग (Backward Classes Commission) के अध्यक्ष (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह ने बैठक के पश्चात प्रेस वार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि उच्च न्यायालय के 27 दिसम्बर को आये निर्णय के क्रम में प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के संबंध में आयोग का गठन किया। आयोग ने पूर्ण पीठ के साथ आज से कार्य शुरू कर दिया है। उच्च न्यायालयों एवं सर्वोच्चय न्यायलय द्वारा दिये फैसलों का अध्ययन करने के साथ अन्य प्रदेशों जिसमें मध्यप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र में हुये निकाय चुनाव में आये कोर्ट के फैसलों का अध्ययन किया जायेगा। उच्च न्यायलय के ट्रिपल-टी फार्मूले का भी आयोग अध्ययन करेगा। साथ ही त्रुटियों को भी देखा जायेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार को शीघ्र रिपोर्ट सौंपने के लिये आयोग प्रतिदिन बैठक करेगा। साथ ही समस्त जिलाधिकारियों और राजस्व अधिकारियों को भी आयोग के कार्यों के संबंध में निर्देश दिये जायेंगे।
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आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि जिलाधिकारियों और राजस्व अधिकारियों के सहयोग से अन्य पिछड़े वर्गों कि स्थितियों के संबंध में रिपोर्ट ली जायेगी। इन वर्गों का सर्वें भी किया जायेगा और डाटा भी इकट्ठा किया जायेगा। साथ ही जनप्रतिधियों से भी सहयोग लिया जायेगा, जिससे कि आयोग द्वारा तैयार कि गयी रिपोर्ट में कोई चूक न हो। उन्होने कहा कि आयोग ढाई से तीन महीने में प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंप देगा तथा 05 से 06 महीने में पिछड़ा वर्ग आयोग के फॉलो-अप-एक्शन का कार्य पूर्ण हो जायेगा। उन्होने ये भी बताया कि आयोग के सचिव द्वारा समय-समय पर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजे जायेंगे आवश्यक हुआ तो जनप्रतिनिधियों को भी सूचना दी जायेगी।