बागपत। बुलंदशहर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सिपाही को एसपी ने निलंबित (Suspended) कर दिया है। सिपाही को बच्चों के मामूली विवाद में दो भाईयों की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था। जिसके बाद सिपाही को आजीवन कारावास की सजा मिली थी। सिपाही बागपत में बड़ौत कोतवाली पर तैनात था।
एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि बुलंदशहर निवासी मूलवीर सिंह उर्फ मोनू कांस्टेबल के पद पर बागपत में बड़ौत कोतवाली पर तैनात था। जो गत 15 मई को 15 दिन के अवकाश पर गया था, लेकिन निर्धारित समय के बाद वापस ड्यूटी पर नहीं लौटा।
सिपाही मूलवीर सिंह ने अनुपस्थित के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। अब पता चला कि कांस्टेबल मूलवीर उर्फ मोनू को बुलंदशहर में डबल मर्डर के केस में आजीवन कारावास हुआ है। वह वर्तमान में बुलंदशहर जेल में बंद है। बता दें कि बुलंदशहर के सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव स्यावली में बच्चों के विवाद में सात दिसंबर 2014 को दो सगे भाई मोहित व सुनील की धारदार हथियार से प्रहार व फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी।
गत 31 मई को एडीजे विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) प्रशांत मित्तल की अदालत ने सिपाही मूलवीर उर्फ मोनू व अन्य आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिसके बाद से सिपाही आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
एसपी बागपत का कहना है कि सिपाही मूलवीर ने अपने कर्तव्य पालन के प्रति घोर लापरवाही की है। इसी वजह से सिपाही मूलवीर को निलंबित किया गया है।