पिछले 18 दिन से शमीम हत्याकांड में जिला जेल में बंद अनुपम दुबे को गैर जिले की जेल में भेजने के लिए जिला प्रशासन ने एसपी की संस्तुति पर मुहर लगा दी है। अब बाहुबली अनुपम दुबे का गैर जनपद की जेल में जाना तय हो गया है। जिले में कानून व्यवस्था को बहाल रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। अनुपम दुबे पर हत्या अपहरण तथा जान से मारने की नीयत से हमला करने के 45 मुकदमे दर्ज है।
बताते चलें कि, 14 जुलाई को फतेहगढ़ के मोहल्ला कसरट्टा निवासी अनुपम दूवे के यहां जीआरपी आगरा व बिल्हौर पुलिस ने छापा मारा था। जीआरपी के एसपी ने अनुपम दुबे के आपराधिक इतिहास का खुलासा किया था। अनुपम दुबे पर 45 मुकदमे कानपुर, कन्नौज, मैनपुरी और फर्रुखाबाद में दर्ज होने का उन्होंने खुलासा किया था। दरोगा रामनिवास यादव की कानपुर थाना क्षेत्र में 14 जुलाई 1996 को ट्रेन में हत्या कर दी गई थी। जांच पड़ताल में अनुपम का नाम हत्यारोपी के रुप मे उजागर हुआ था।
पुलिस ने इस मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।लेकिन अनुपम दूवे इस हत्या कांड में हाजिर नही हुए।अनुपम दुबे के ऊपर जीआरपी ने 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। जीआरपी की कमान जब डीजी के पद पर पीयूष आनन्द ने संभाली तो उन्होंने अनुपम की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। पुलिस का बढ़ता दबाव देख कर अनुपम ने शमीम हत्या कांड में न्यायालय सीजेएम के यहां आत्मसमर्पण कर दिया।
शमीम हत्याकांड में भी अनुपम दुबे 21 साल से फरार चल रहे थे। न्यायालय ने उन्हें न्यायक अभिरक्षा में फतेहगढ़ की जिला जेल भेज दिया। अनुपम दुबे के ऊपर दर्ज अभियोगों को देख और उनसे मिलने वालों की भीड़ को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने शांति एवं कानून व्यस्था बनाये रखने की दृष्टि से अनुपम को गैर जिले की जेल में भेजने की संस्तुति कर दी। उनकी संस्तुति पर जिला प्रशासन ने मुहर लगा दी है। जिससे अनुपम का गैर जनपद की जेल में भेजा जाना तय हो गया है।
इस सम्बंध में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने बताया उचित निर्णय लेना जिला प्रशासन का काम है।