पटना। बिहार के बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी (Rajan Tiwari) को नेपाल भागते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी नेपाल बॉर्डर से हुई। बताया जा रहा है कि मोतिहारी के गोबिंदगंज से विधायक रहे राजन तिवारी नेपाल भाग रहे थे, तभी हरैया थानाध्यक्ष की नजर उन पर पड़ गई। इसके बाद थानाध्यक्ष ने राजन तिवारी को धर दबोचा।
पूर्व विधायक राजन तिवारी (Rajan Tiwari) पर 25 हजार रुपये का इनाम था। दिसम्बर 2005 में उत्तर प्रदेश की एक कोर्ट से राजन तिवारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। यूपी का डॉन रहे श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी के साथ चार अपराधियो पर गोरखपुर के कैंट थाना में 15 मई 1998 को गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी (Rajan Tiwari) को मोतिहारी पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारत-नेपाल के रक्सौल बॉर्डर से अरेस्ट किया है। एसपी कुमार आशीष ने बताया कि गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे राजन तिवारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई मुकदमे दर्ज हैं, यूपी पुलिस ने राजन तिवारी पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है।
कौन है राजन तिवारी (Rajan Tiwari) ?
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सोहगौरा गांव के रहने वाले राजन तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा भी इसी जिले में हुई। युवा अवस्था में राजन तिवारी (Rajan Tiwari) ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। 90 के दशक के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद राजन तिवारी का नाम कई अपराधों में सामने आया।
श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ जुड़े मामलों में भी राजन तिवारी (Rajan Tiwari) शामिल रहे, जिससे उनकी गिनती बाहुबलियों में होने लगी। यूपी के महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले में भी राजन तिवारी का नाम आया था। इस घटना में माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था।
जोरदार आवाज के साथ फटी धरती, जमीन में समा गई ड्रिल मशीन
इस आपराधिक कृत्य की वजह से राजन तिवारी (Rajan Tiwari) यूपी पुलिस के लिए वॉन्टेड बन चुका थे। यही वो वक्त था जब राजन तिवारी ने बिहार का रुख किया और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए राजनीतिक जमीन तलाशने लगे। हालांकि, वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले के मामले में राजन तिवारी 2014 में बरी हो चुके हैं।
राजन तिवारी बहुचर्चित माकपा विधायक अजीत सरकार के हत्याकांड में भी आरोपी रह चुके हैं। राजन तिवारी के अलावा इस मामले में पप्पू यादव भी सजा काट चुके हैं। हालांकि इस मामले में भी पटना हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया था। राजन तिवारी दो बार विधानसभा के लिए चुने गए। वह पूर्वी चंपारण के गोबिदगंज से लोजपा से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा राजन तिवारी 2004 में लोकसभा पहुंचने के लिए भी भाग्य आजमा चुके हैं।