उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के निर्देश के बाद आजमगढ़ जिले की पुलिस माफिया विधायक मुख्तार अंसारी पर लगातार शिकंजा कस रही है।
आजमगढ़ पुलिस ने वर्ष 2014 में ठेकेदारी में वर्चस्व की लड़ाई में अत्याधुनिक हथियारों से की गई मजदूर की हत्या के मामले में 4 दिन पहले मुख्तार अंसारी और उसके 8 गुर्गों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में कार्रवाई की। अब इसी मामले में कोर्ट ने मुख्तार के खिलाफ वारंट जारी किया है। मुख्तार को 22 अक्टूबर को गैंगेस्टर कोर्ट में पेश करने का आदेश हुआ है।
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वर्ष 2014 में फरवरी माह में तरवां थाना क्षेत्र के ऐरा कला पोखरा के पास निर्माण कार्य चल रहा था। उस समय मुख्तार गैंग ने दहशत फैलाने व ठेकेदारी में अपना दबदबा कायम करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग की थी। गोलीबारी में बिहार के गया का रहने वाला मजदूर राम इकबाल पुत्र मोहन घायल हो गया था। बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
उस समय इस मामले में आधा दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने जब मामले की विवेचना की तो पता मुख्तार अंसारी का गैंग था और वादी मुकदमा भी इस हत्याकांड में शामिल था। इस मामले में पुलिस ने मुख्तार अंसारी व उनके आठ गुर्गो के खिलाफ एफआईआर तरमीम कर कार्रवाई की थी। उसी मामले में आठ अक्टूबर को पुलिस ने विधायक मुख्तार अंसारी व उनके आठ गुर्गो के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। इसकी विवेचना मेंहनगर थानाध्यक्ष प्रशांत श्रीवास्तव को सौंपी गई है।
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अब इस मामले में गैंगस्टर कोर्ट से मुख्तार के खिलाफ सोमवार को वारंट जारी किया गया है, जिसमें मुख्तार अंसारी को 22 अक्टूबर को आजमगढ़ गैंगेस्टर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है। चूंकि मुख्तार अंसारी पंजाब के रोपण जिला जेल में बंद है इसलिए एक प्रति संबंधित जेल अधीक्षक व अन्य अधिकारियों को भेजी गई है।