Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अंबाला में वॉटर सैल्यूट से हुआ बाहुबली ‘राफेल’ का स्वागत, जानिए क्या है वॉटर सैल्यूट ?

राफेल का वॉटर सैल्यूट के साथ स्वागत

राफेल का वॉटर सैल्यूट के साथ स्वागत

नई दिल्ली। ‘बाहुबली’ राफेल विमान अंबाला एयरस्पेस पहुंच गए हैं। दोपहर तीन बजकर 08 मिनट पर पांचो राफेल विमान अंबाला पहुंचे। ये विमान फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके आए हैं। यहां वाटर सैल्यूट के साथ राफेल विमानों का स्वागत किया गया। बता दें कि भारत ने 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था। लेकिन अभी पांच राफेल विमान भारत आए हैं।

अंबाला एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख भी रहे मौजूद

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राफेल के स्वागत के लिए अंबाला एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल RKS भदौरिया भी मौजूद रहें। बता दें कि आज आधिकारिक तौर पर राफेल विमान वायुसेना में शामिल नहीं होंगे, आज इन्हें सिर्फ रिसीव किया गया है। अंबाला में पूरी तैयारियों के साथ इनको रिसीव किया गया।

राफेल विमान की अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने किया स्वागत

कड़ी सुरक्षा में हुई राफेल की लैंडिंग

गौरतलब है कि राफेल विमान के अंबाला में लैंडिंग से पहले सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किए गए थे। पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई थी। साथ ही यहां सिर्फ आधिकारिक फोटोग्राफी को इजाजत दी गई थी, अन्य किसी तरह की फोटोग्राफी पर बैन लगाया गया था। वहीं आसपास के गांव वालों से कहा गया है कि वो अपने घरों की छतों पर ना आएं।

जानिए क्या होता है वाटर सैल्यूट

वाटर सैल्यूट का मतलब पानी से सलामी देना होता है। विमान सेवा क्षेत्र में वाटर सैल्यूट का मतलब स्वागत करना भी होता है. मिलिट्री एयरक्राफ्ट और एयरलाइन सर्विस को एयरपोर्ट पर लैंड करने पर सम्‍मान देने के लिए वाटर सैल्यूट दिया जाता है। इस सैल्‍यूट में आमतौर पर आग बुझाने वाली दो गाड़ियां एयरक्राफ्ट पर पानी की बौछार करती हैं। किसी भी नए एयरक्राफ्ट की लैंडिंग और इसके टेकऑफ के समय वाटर सैल्‍यूट दिया जाता है। इस परंपरा का मकसद एयरक्राफ्ट का आभार जताना भी होता है। वाटर सैल्‍यूट में जो भी व्‍हीकल्‍स होते हैं वो सभी सम संख्‍या जैसे 2, 4,6 या 8 होते हैं।

Rafel Aircraft : लैंडिंग से पहले राफेल के पायलट और नाैसेना में हुई बात, सुनें दोनों ने क्या-क्या कहा

कब हुई थी इस परंपरा की शुरुआत

माना जाता है कि भारत में वाटर सैल्यूट की शुरुआत 30 साल पहले 1990 में हुई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक एयरक्राफ्ट के अलावा शिप्‍स को भी इसी तरह से सैल्‍यूट दिया जाता है। 2016 में जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे तो ला गौर्डिया एयरपोर्ट पर उन्हें वाटर सैल्यूट दिया गया था।

Exit mobile version