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पावर ग्रिड कारपोरेशन के सीनियर इंजीनियर की जमानत अर्जी खारिज

Bail application rejected

Bail application rejected

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने किसानों को मुआवजे के भुगतान में मिलीभगत से लाखों रूपए के भ्रष्टाचार के आरोपी पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के सीनियर इंजीनियर संजय कुमार को जमानत (Bail) पर रिहा करने से इंकार कर दिया है।

अदालत ने कहा याची के खिलाफ केस बनता है। षड्यंत्र के आरोप में सीबीआई ने गाजियाबाद की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने संजय कुमार की द्वितीय जमानत (Bail) अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। पहली अर्जी इसी साल दो फरवरी को खारिज हो चुकी है।

डिप्टी सालिसिटर जनरल व सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया और कहा कि जमानत पर छूटने के बाद याची साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकता है। वह पिछले साल आठ जून से जेल में बंद हैं।

याची का कहना था कि उसे फंसाया गया है। किसानों को मुआवजा तय दर व स्वीकृत नीति के अनुसार उनके खाते में दिया गया है। किसानों के बैंक खाते से याची के खाते में कोई राशि नहीं आई है। याची की पत्नी के खाते में जो राशि आई है वह बैनामा करने से प्राप्त हुई है।

याची पर आरोप है कि 400 के वी ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए किसानों की फसल व पेड़ों को हुए नुकसान का अधिक मुआवजा देकर उसके द्वारा धन राशि ली गई।

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