प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जिस तरह से प्रदेश के अधिकारी कोर्ट के प्रति व्यवहार कर रहे हैं, वह राज्य के लिए दुखद है। उनके इस रवैये पर कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति प्रदेश के कानून मंत्री को भेजने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद (Sanjay Prasad) के खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित करने के लिए जमानती वारंट जारी किया है और 25 जनवरी को हाजिर होने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को आदेश तामील कर प्रमुख सचिव गृह (Sanjay Prasad) की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही प्रमुख सचिव न्याय व अन्य विपक्षी को भी अगली सुनवाई के समय हाजिर रहने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने सुरेश चंद्र राजवंशी की अवमानना याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने 10 नवंबर 2021 के आदेश से याची को तीन माह का इंक्रीमेंट व प्रशिक्षण अवधि को परिलाभों का भुगतान करने में जोड़ने का आदेश दिया था। जिसका पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई। कोर्ट ने विपक्षी को एक मौका देते हुए एक माह में आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। फिर भी आदेश का पालन नहीं किया गया तो दुबारा यह अवमानना याचिका दायर की गई है।
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कोर्ट ने कहा है कि विपक्षी पर प्रथम दृष्टया अवमानना केस बनता है। उसने जानबूझकर आदेश की अवहेलना की है। अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व मुख्य स्थायी अधिवक्ता केआर सिंह ने कहा कि इसी तरह के कई मामले हैं। सभी को एक साथ सुना जाए।
दोनों विपक्षियों की तरफ से जवाबी हलफनामा दायर किया गया, किंतु आदेश का पालन क्यों नहीं किया। इस बारे में कुछ नहीं है। हाजिरी माफी की अर्जी दी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आदेश का जानबूझकर पालन नहीं किया जा रहा है। विपक्षी में कोर्ट आदेश का कोई सम्मान नहीं है। उसकी ढिलाई के कारण याची परेशान हो रहा है। दूसरी अवमानना याचिका दायर की गई। अधिकारी आदेश का पालन न कर मौन बैठे हैं।