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बजरंग पूनिया ने फुटपाथ पर छोड़ा अपना पद्मश्री, साल 2019 में मिला था मेडल

Bajrang Punia

Bajrang Punia

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में रेसलर बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास के सामने फुटपाथ पर अपना मेडल रख दिया।

संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कई रेसलर नाराज हैं। ये रेसलर्स काफी समय से बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सभी की मांग थी कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए।

इससे पहले बजरंग (Bajrang Punia) ने सोशल मीडिया पोस्ट करके इसकी जानकारी दी थी। पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। पूनिया ने ये चिट्ठी भी X पर शेयर की है। बजरंग पूनिया ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।’

साल 2019 में मिला था पद्मश्री

29 वर्षीय बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) को साल 2019 में पद्मश्री मिला था। पूनिया ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। बजरंग ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था।

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उस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा मेडल रहा। टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग से वैसे तो गोल्ड मेडल की आस थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से मात दी थी।

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