लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्योहारों को लेकर पुलिस-प्रशासन के साथ बैठक की और आवश्यक एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। साथ ही 30 सितंबर तक सार्वजनिक समारोह, धार्मिक उत्सव, राजनीतिक आंदोलन और सभाओं पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। आदेश में ये भी कहा गया है कि सार्वजनिक रूप से मूर्तियां स्थापित नहीं की जाएंगी, न ही ताजिया निकाले जाएंगे। गणेश उत्सव और मुहर्रम के मद्देनजर सरकार का ये बड़ा फैसला है।
सीएम योगी ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक में कहा है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सार्वजनिक तौर पर इजाजत नहीं है और इसका पालन होना चाहिए।
नियमों के उल्लंघन पर सख्त एक्शन
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि अगर कोई भी नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाए तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन हो। साथ ही सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने और अफवाहों को लेकर सजग रहने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
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गौरतलब है कि इस वक्त खासतौर पर मुहर्रम के जुलूस को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। यूपी की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में मुहर्रम के मौके पर ताजिया निकाला जाता है, लेकिन कोरोना वायरस गाइडलाइंस के चलते इसकी इजाजत नहीं है।
ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने के साथ 5 लोगों को ही मुहर्रम का जुलूस निकालने की इजाजत दी जाए। कोर्ट ने मंगलवार को ये याचिका खारिज कर दी. हालांकि, इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
लखनऊ में होंगे ऑनलाइन जलसे
गाइडलाइंस को देखते हुए लखनऊ में धर्मगुरुओं ने फैसला किया है कि इस बार मुहर्रम के जलसे ऑनलाइन आयोजित होंगे. सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने हाल ही में कहा था कि कोविड-19 की वजह से पूरे देश में इफ्तार और नमाज घरों में ही अदा की गई है और यह बीमारी काफी तेजी से फैल रही है, लिहाजा इसको ध्यान में रखते हुए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने यह फैसला लिया है कि लखनऊ में पहले मुहर्रम से 10 मुहर्रम तक होने वाले 10 दिवसीय जलसे ऑनलाइन आयोजित किए जाएंगे. बता दें कि 21 अगस्त से मुहर्रम के जलसे शुरू हो गए हैं, जो 10 दिन तक चलते हैं.