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यूपी पुलिस के डिप्टी एसपी की गिरफ्तारी पर लगी रोक, जानें पूरा मामला

Inspector

The body of the inspector was found near the railway track

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण के लिए भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच कर रहे यूपी पुलिस के डिप्टी एसपी निशंक शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। शर्मा पर घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है।

हाईकोर्ट ने गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत को निर्देश दिया है कि यदि याची अदालत में उपस्थित होता है तो उससे इस आशय का बाण्ड भरा लिया जाए कि वह मुकदमे के विचारण में सहयोग करेगा तथा सुनवाई के दौरान स्वयं अथवा अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होगा।

निशंक शर्मा के खिलाफ मामले की जांच कर रही सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है। जिस पर स्पेशल कोर्ट सीबीआई ने उनको जमानती वारंट जारी कर तलब किया है। याचिका दाखिल कर आरोप पत्र रद्द करने और गिरफ्तारी के विरुद्ध संरक्षण दिए जाने की मांग की गई थी। निशंक शर्मा की याचिका पर न्यायमूर्ति अजित सिंह ने सुनवाई की।

याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था की याची एक पुलिस अधिकारी है। जो कि यमुना एक्सप्रेस वे भूमि घोटाले की जांच कर रहा था। उसने आरोपियों के खिलाफ 82/83 की कार्रवाई शुरू की और उनको गिरफ्तार भी किया। फर्जी सेल डीड व रकम भी बरामद की। याची के खिलाफ रिश्वत लेने का कोई मामला नहीं बनता है।

वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था सीबीआई के दो दरोगा बीएस राठौर और सुनील दत्त तथा तहसीलदार रणवीर सिंह के बीच सांठगांठ चल रही थी। जिसके तहत दोनों दरोगा रणवीर सिंह को पुलिस जांच से बचाने के लिए रिश्वत मांग रहे थे। जानकारी होने पर सीबीआई ने छापा मारकर बीएस राठौर और रणवीर सिंह को पैसे का लेनदेन करते रंगे हाथ पकड़ा था। जबकि सुनील दत्त को मौके से फरार बताया गया। घोटाले की जांच उस समय याची निशंक शर्मा के पास थी। मगर सीबीआई की जांच में कहीं भी उनका नाम नहीं आया है और सिर्फ कहा गया है कि किसी अज्ञात अधिकारी को रिश्वत देने का प्रोग्राम था।

इसके बावजूद सीबीआई ने चार्जशीट में याची को रिश्वत लेने का आरोपी बना दिया जबकि उसके विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं है। कोर्ट ने सीबीआई अदालत को निर्देश दिया है यदि याची अदालत में उपस्थित होता है तो उनसे यह बांड भरा लिया जाए कि वह मुकदमे की कार्रवाई में सहयोग करेंगे।

सीबीआई के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश का कहना था कि याची ने रिश्वत ली है या नहीं इसका जवाब देने के लिए उनको 3 सप्ताह का समय दिया जाए। कोर्ट में समय देते हुए सीबीआई से इस मामले में जवाब मांगा है।

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