वाराणसी। पूर्वांचल की मिट्टी की उपज नई पहचान जीआई के साथ बनारसी लंगड़ा आम (Banarasi Langda Mango) काशी से सीधे शरजाह के लिए उड़ान भरेगा। मोदी-योगी सरकार ने इसके लिए वाराणसी में पैक हाउस बनवाया है। अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार तैयार पेरिशेबल फ़ूड उत्पाद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनानाथ (CM Yogi) पहली बार हरी झंडी दिखाकर विदेश रवाना करेंगे।
सरकार किसान उद्यमियों के बीच से बिचौलियों को हटाकर उन्हें निर्यातक बनाने में जुटी है। जिससे किसानों की आय दोगुनी होगी। इसके लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) लगातार प्रयास कर रहा है। पैक हाउस से एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस होगा। यहां अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार पेरिशेबल फ़ूड उत्पाद को तैयार किया जाएगा। इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट में लगे उपकरण स्वेदशी हैं। पैक हाउस को एपीडा ने अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार निर्यात के लिए मान्यता दी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) पूर्वांचल के अन्न दाताओं को 26 जून को बड़ी सौगात देंगे। पूर्वांचल की सब्जी और फल अब वाराणसी के पैक हाउस से सीधे एक्सपोर्ट होगी। पैक हाउस में अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार पेरिशेबल फ़ूड उत्पाद को तैयार किया जाएगा। एयरपोर्ट से कऱीब 10 किलोमीटर पर योगी सरकार ने इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट का निर्माण करवाया है। इस पैक हाउस से एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस भी होगा। जिससे निर्यात करना आसान होगा। इंटीग्रेटेड पैक हाउस जल, थल और नभ से निर्यात करने के लिए उचित संसाधनों से लैस है। 15.78 करोड़ की लागत से लगभग 4461 स्क्वायर फिट एरिया में पैक हाउस बनकर तैयार हो चुका है। यहाँ किसान उद्यमियों को इंटरनेशनल मार्केट की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सहारनपुर ,लखनऊ के बाद उत्तर प्रदेश का वाराणसी में ये तीसरा इंटीग्रेटेड पैक हाउस होगा।
एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सीबी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा पैक हाउस से पहली बार फ्लैग ऑफ होने वाले जीआई व अन्य उत्पादो में 4 से 5 मीट्रिक टन बनारसी लंगड़ा आम (Banarasi Langda Mango) वाराणसी एयरपोर्ट से शारजाह जाएगा। 30 से 35 मीट्रिक टन हरी मिर्च, 40 फिट रेफेर कंटेनर से पानी के जहाज से मुंबई के रास्ते दुबई और दोहा जाएगा। इसके अलावा भिंडी समेत अन्य उत्पाद भी भेजने की तैयारी है।
पैक हाउस का काम क्या है
पैक हाउस का सबसे अहम काम उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार करना है। अलग-अलग देशों की अलग अलग तरह की डिमांड होती है। उनके डिमांड को पूरा करने के लिए पैक हाउस काम करता है। पूर्वांचल में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एपीडा निर्यात के लिए सक्रिय है। एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सी.बी.सिंह ने बताया कि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का प्रोडक्ट तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस में फलों और सब्जियों को कई प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है।
विकास के वाहक हैं उद्यमी : पुष्कर सिंह धामी
जिससे उनकी ताज़गी, स्वाद और अन्य गुण बरक़रार रहता है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है की इन उत्पादों में कीट और किसी भी तरह की बीमारी न हो। इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट में लगे उपकरण स्वेदशी हैं। ख़ास तौर पर बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीट और हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजरान पड़ता है, तब कही जाकर लंगड़ा आम विदेशों भेजने लायक बनेगा।
पैक हाउस में लगे उपकरणों के नाम और क्षमता
1—वेपर हीट ट्रीटमेंट यूनिट -2500 किलोग्राम / बैच (4 घंटे)
2—हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट -500 किलोग्राम / बैच (1 घंटे )
3—मैंगो / फ्रूट प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग लाइन -2000 किलोग्राम / घंटा
4—वेजिटेबल प्रोसेसिंग लाइन -1000 किलोग्राम /घंटे
5—कोल्ड रूम -2- 20 -एमटी
6 –प्री कोल्ड रूम -2-15-एमटी
7–राईपिनिंग रूम – – 10 –एमटी