ढाका। बांग्लादेश (Bangladesh) के लिए पिछले कुछ महीने बड़े उतार चढ़ाव वाले रहे हैं। देश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बहुत सी चीजें बदल गयीं हैं। वहीं, अब तक भारत की छत्र-छाया में रहने वाला बांग्लादेश उसको ही आंखें दिखाने की कोशिश कर रहा हैं। इसी बीच खबर है कि बांग्लादेश में सरकार के बाद सेना में भी तख्तापलट की तैयारी चल रही है। जिसकी वजह भारत के खिलाफ सेना के मौजूद नेतृत्व की नरमी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के मौजूदा आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमां के खिलाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैज-उर रहमान तख्तापलट की तैयारी कर रहे हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर बांग्लादेश की सेना को ही नए तेवर में ढालने के प्रयास हो रहे हैं। पिछले सप्ताह जब आईएसआई के चीफ ढाका आए थे तो उनसे मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व फैज-उर-रहमान ने ही किया था। फैज-उर-रहमान को कट्टर इस्लामिक विचारधारा वाले माना जाता है, जो अब बांग्लादेश की सेना के लीडरशिप के सपने देख रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, फैज-उर-रहमान का प्रयास यह है कि सेना के भीतर ही इतना समर्थन जुटा लिया जाए कि वकार-उज-जमां को हटना पड़े। इसके लिए बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी DGFI को भी अपने पक्ष में करने की कोशिशें हो रही हैं। बता दें कि बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार-उज-जमां को मध्यमार्गी विचारधारा वाला सैन्य लीडर माना जाता है। वह भारत के समर्थकों में से एक रहे हैं। बांग्लादेश और भारत की सीमा पर शांति और सहयोग बनाए रखने में उनकी अहम भूमिका रही है।
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बांग्लादेश (Bangladesh) की सत्ता पर इस्लामिक ताकतों के कब्जे के बाद भी आर्मी चीफ वकार-उज-जमां अब तक सेना को कट्टरपंथी ताकतों से बचाए रखने में सफल रहे हैं, लेकिन अब उनको ही हटाने की तैयारी चल रही है। माना जाता है कि वकार-उज-जमां ने ही शेख हसीना को बांग्लादेश से जिंदा निकलने में मदद की थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के साथ मिलकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि आईएसआई के कुछ अधिकारी ढाका यात्रा के दौरान भारत से लगती सीमा को भी देखने पहुंचे थे। इसे भारत की सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक माना जा रहा है।