ढाका। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश का चुनाव आयोग (Election Commission) संकट में है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चारों चुनाव आयुक्त किसी भी समय इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्हें डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की हरी झंडी का इंतजार है।
ढाका ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, आयोग के इन आला अधिकारियों ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मिलने की कोशिश की। इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर मुख्य चुनाव आयुक्त (ECE) काजी हबीबुल अवल ने एक राष्ट्रीय दैनिक में कॉलम लिखकर सरकार तक अपनी स्थिति पहुंचाने की कोशिश की है। पांच अगस्त को शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सीईसी अवल, कमिश्नर ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) अहसान हबीब, एमडी आलमगीर, बेगम रशीदा सुल्ताना कार्यालय में मौजूद थे। आयुक्त अनीसुर रहमान उस दिन आफिस नहीं आए।
आयोग के इन आला अफसरों ने 12 अगस्त को एक आपातकालीन बैठक कर इस्तीफे के मुद्दे पर चर्चा की। इस बैठक में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार से संपर्क करने पर भी निर्णय हुआ। सीईसी खुद डॉ. यूनुस से मिलना चाहते थे। उल्लेखनीय है कि छह अगस्त को अग्रगांव में चुनाव आयोग (Election Commission) के भवन के मुख्य द्वार पर एक बैनर लटका दिया गया था। इस पर इस्तीफा देने की मांग की गई थी। ताजा हाल यह है कि आयुक्तों में अहसान हबीब नियमित रूप से काम कर रहे हैं। अन्य कभी-कभार ही कार्यालय आते हैं।
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अंतरिम सरकार के गठन के तुरंत बाद मुख्य न्यायाधीश और अटॉर्नी जनरल सहित अपीलीय प्रभाग के पांच न्यायाधीशों ने इस्तीफा दे दिया। संवैधानिक संस्थाओं में चुनाव आयोग, लोक सेवा आयोग (पीएससी), नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। वैधानिक निकायों में विधि आयोग के अध्यक्ष और विभिन्न सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस्तीफा दे दिया है।