उत्तर प्रदेश के बरेली में यूपी एटीएस द्वारा पकडे गए दो बांग्लादेशियों के तार म्यांमार और बांग्लादेश की महिलाओं को भारत में बेचने वाले मानव तस्कर गिरोह से जुड़े होने की सूचना पर पुलिस प्रशासन एक्शन में आ गया है।
पुलिस सूत्रो के अनुसार बरेली और आसपास विभिन्न फैक्ट्रियों में काम कर रहे विदेशी और कश्मीर समेत अन्य प्रांतों के लोगों का सत्यापन और फर्जी आधार कार्ड, पहचान पत्र , पैन कार्ड, पासबुक बनाने वाले गिरोह का पता लगाने लिए पुलिस को लगाया गया है।
गौरतलब है कि एटीएस ने म्यांमार और बांग्लादेश की महिलाओं को भारत में बेचने वाले मानव तस्कर गिरोह के सरगना मोहम्मद नूर उर्फ नूर इस्लाम को उसके दो साथियों के साथ 27 जुलाई को पकड़ा गया था। उनकी निशानदेही पर ही बरेली में गत दिवस एक मीट फैक्ट्री में काम करने वाले दो और लोगों को पकड़ा था ।
इस बीच बरेली एडीजी अविनाश चंद्र ने बताया कि मीट फैक्ट्री में विदेशी और अन्य राज्यों के तमाम लोगों के काम करने की जानकारी सामने आई है। इनका पुलिस से सत्यापन न कार्य जाना गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि बरेली में सभी फ़ैक्टरियों में काम करने वालों का सत्यापन तत्काल कराया जायेगा इसके लिए आदेश जारी कर दिये गये हैं।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि विदेशी और बाहरी लोगों का सत्यापन शुरू हो गया है। मकान मालिकों से लगातार अपील की जा रही है कि वे किरायदार की सूचना संबंधित थाने में दें,लिखित एग्रीमेंट के बाद ही मकान किराया पर दें। फर्जी आधार कार्ड -पहचान पत्र , पैन कार्ड, पासबुक बनाने वाले गिरोह भी सक्रिय है, उसको पकड़ने के लिए एक्टिव पुलिस स्टाफ को लगाया गया है.
श्री सजावण ने बताया कि एटीएस की रिपोर्ट से पता चला है कि मोहम्मद नूर और उसके साथियों ने बताया है कि उसने हाल ही में दो बांग्लादेशियों को सीमा पार करा कर अपने साथ उत्तर प्रदेश लाया था। उनका नाम अब्दुल शकूर और अली मियां है। दोनों ही मानव तस्कर गिरोह के सदस्य हैं, नूर ने दोनों को बरेली की एक मीट फैक्ट्री में नौकरी पर लगवाया था। इस पर दोनों को गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ में अली मियां ने बताया कि वह बांग्लादेश का रहने वाला है और मोहम्मद नूर का रिश्तेदार है। नूर के कहने पर अवैध रूप से सीमा पार करा कर यहां लाया है। नूर ने ही उसे बरेली में मीट फैक्ट्री में काम पर लगवाया था। अब्दुल शकूर उर्फ गनी ने बताया कि नूर के गांव का रहने वाला है। नूर ने मुझे सीमा पार कराने के लिए 4000 बांग्लादेशी मुद्रा लिया था। नूर ने अपने नाम का सिम भी दिया।गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है।