कानपुर। कमिश्नरेट पुलिस ने चार बांग्लादेशियों को अरेस्ट किया है। ये चारों भारतीय बनकर कानपुर में छिपे थे। इतना ही नहीं, इन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे पासपोर्ट और आधार कार्ड भी बनवा लिया था। पुलिस ने चारों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान ने अपने लेटर पैड पर लिखकर दिया था कि डॉ. रिजवान (Rizwan) भारतीय हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने रविवार को बताया कि बांग्लादेश निवासी रिजवान (Rizwan) की शादी कानपुर के मूलगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली हिना से हुई थी। शादी के बाद सभी बांग्लादेश में रहने लगे और वहां पर ही इन दोनों की संताने भी हुईं। सभी ने वहां की नागरिकता भी ली।
वर्ष 2016 में रिजवान परिवार के साथ भारत आ गया और भारतीय दूतावास को बगैर सूचना दिए कानपुर में किराए के मकान में रहने लगा। एक नहीं तीन-तीन भारतीय फर्जी आधार कार्ड अपने और परिवार के सदस्यों के बना लिए। राशन कार्ड व अन्य दस्तावेजों के आधार पर बच्चों के स्कूल में दाखिले भी करा दिए। रिजवान ने विधायक इरफान सोलंकी व क्षेत्रीय पार्षद मन्नू रहमान से कानपुर का होने का प्रमाण पत्र भी ले लिया। इस बीच रिजवान ने पाकिस्तान मलेशिया थाईलैंड और बांग्लादेश की कई यात्राएं की।
गिरफ्तारी के दौरान संदिग्ध बांग्लादेशी के पास से 14 लाख भारतीय मुद्रा, एक हजार डालर और बड़ी मात्रा में बांग्लादेशी मुद्रा बरामद की है। रिजवान के ससुर खालिद, पत्नी हिना, बेटी रुखसार को गिरफ्तार करते एक नाबालिग बेटे को हिरासत में लिया है। ज्वाइंट सीपी ने बताया कि रिजवान की गतिविधियों को देखकर जांच की जा रही है कि वह बांग्लादेश के लिए जासूसी तो नहीं कर रहा था जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
विधायक इरफान और पार्षद मन्नू ने दी थी शरण
जॉइंट पुलिस कमिश्नर ने बताया, जांच के दौरान सामने आया है कि डॉ. रिजवान के फर्जीवाड़ा करने में विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान की अहम भूमिका निभाई है। दोनों ने अपने-अपने लेटर पैड पर लिखकर दिया था कि डॉ. रिजवान भारतीय है। इसी आधार पर उनका आधार कार्ड और फिर सभी दस्तावेज बन गए थे। पुलिस इस मामले में अब विधायक और पार्षद को भी आरोपी बना सकती है। मामले की जांच की जा रही है।