लखनऊ। प्रयागराज में बैंक ऑफ इंडिया के करेंसी चेस्ट से 4.25 करोड़ रुपये हड़पे जाने के मामले की जांच का रही सीबीआई ने आरोपियों को नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
माना जा रहा है कि शीघ्र ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। इस मामले में जांच एजेंसी ने गुरूवार को केस दर्ज किया था। जांच एजेंसी ने इस मामले में जुलाई, 2019 में प्रयागराज के धूमनगंज थाने में दर्ज कराई गई धोखाधड़ी की एफआइआर को अपने केस का आधार बनाया है। सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बैंक करेंसी के गबन के मामले में जांच एजेंसी ने सभी आरोपियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। इसके बाद बारी-बारी से सभी आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। प्रयागराज के धूमनगंज थाने में आरोपित वशिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्रा और संजू मिश्रा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
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धूमनगंज थाने में बैंक की सुलेमसराय शाखा के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक विवेक कुमार की शिकायत पर एफआइआर दर्ज की गई थी। जुलाई 2019 में बैंक के करेंसी चेस्ट के आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान 4.25 करोड़ रुपये की अनियमितता सामने आई थी।
तत्कालीन करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ राम से पूछताछ में सामने आया था कि यह रकम ग्रामीण बैंक को दी गई है, जबकि उसके बदले अब तक आरटीजीएस भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। वह ग्रामीण बैंक की शाखा का नाम भी नहीं बता सके थे। जांच में सामने आया था कि यह रकम ग्रामीण बैंक के बजाय व्यवसायी एसके मिश्रा और उनके पुत्र संजू मिश्रा को दी गई थी। बैंक की शिकायत पर सीबीआइ ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।