मुंबई| बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) को कोविड-19 संकट के बावजूद पहले से तय सौदों के चलते चालू वर्ष की दूसरी छमाही के व्यस्त रहने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पहली छमाही में भी बोफा सौदे कराने की रैकिंग में भारत में दूसरे स्थान पर रहा था। बोफा का मानना है कि महामारी से प्रभावित क्षेत्र में एकीकरण बढ़ने और वित्तीय संस्थानों के पूंजी जुटाने में वृद्धि के चलते सौदों में तेजी बरकरार रहेगी।
कारोबार में व्यापक सुधार की उम्मीद
बोफा के भारत में निवेश बैंकिंग के प्रमुख राज बालकृष्णन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यह महामारी पिछले अन्य संकटों से अलग है, पिछले सभी संकट कारोबारी संकट थे। उन्होंने कहा, ”फरवरी तक कंपनी सही तरह से काम कर रही थी। इसके कारोबार को जो भी नुकसान होने की संभावना है, वह सिर्फ लॉकडाउन के चलते। एक बार लॉकडाउन उठ जाएगा और परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी तो यह फिर से सही तरीके से काम करने लगेगी तब तक के लिए कंपनी के पास संकट से निपटने के लिए पर्याप्त नकदी है। बालकृष्णन ने कारोबार में व्यापक सुधार की आशा जताई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के राइट्स इश्यू का प्रबंधन
उन्होंने कहा कि इसलिए इस समय सबसे बेहतर प्रतिफल देने वाला काम वित्तीय संस्थानों के पूंजी जुटाने की योजनाओं को अंजाम देने वाला है। बालकृष्णन ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो प्लेटफॉर्म्स में बड़ी हिस्सेदारी बेची। इससे पहली छमाही में हुए सौदों का कुल मूल्य करीब 44 अरब डॉलर रहा। बोफा ने ही जून में रिलायंस इंडस्ट्रीज के 53,124 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू का प्रबंधन किया था। इसके अलावा फेसबुक को जियो में हिस्सेदारी खरीदने के लिए परामर्श सेवाएं दी थीं। इसके अलावा एसबीआई कार्ड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को भी बोफा ने ही अंजाम दिया।
बाजार रुख पर नजर रखने वाली कंपनी ‘मर्जरमार्केट के अनुसार निवेश बैंकिंग की रैकिंग में बोफा पहली छमाही में दूसरे स्थान पर रहा। कंपनी ने इस दौरान 6.7 अरब डॉलर के सौदों को अमलीजामा पहनाया। यह 17.6 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी है। जबकि इस सूची में पहले स्थान पर मॉर्गन रही, जिसने कुल 13 अरब डॉलर के नौ सौदों को अंजाम दिया।