मुंबई| सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में एकल आधार पर 1,679 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। फंसे कर्ज के लिए प्रावधान कम होने से बैंक बेहतर मुनाफा हासिल करने में सफल रहा है। वहीं केनरा बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 444.41 करोड़ रुपये रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में बैंक को 364.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने दूसरी तिमाही (जुलाई- सितंबर 2020) के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका एकल मुनाफा 737 करोड़ रुपये रहा था। वहीं बैंक को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 864 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा था। एकीकृत आधार पर दूसरी तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा 1,771 करोड़ रुपये रहा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजीव चढ्ढा ने संवाददाताओं से कहा कि दूसरी तिमाही के परिणाम से स्पष्ट है कि पहली तिमाही के लॉकडाउन के बाद स्थिति में तेज सुधार आया है। यह सुधार फीस से होने वाली आय के कुछ प्रमुख मानदंडों में दिखाई देता है।
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उन्होंने कहा, ”बैंक की फीस से होने वाली आय पहली तिमाही में काफी गिर गई थी, लेकिन दूसरी तिमाही में इसमें तीव्र वृद्धि दर्ज की गई। पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले भी इसमें तार्किक सुधार दर्ज किया गया है। यह हमारे ग्राहकों की गतिविधियों में बेहतरी को दर्शाता है। बैंक पहली तिमाही के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में पहुंचा है। बैंक कई मानदंडों के मामले में सामान्य दायरे के करीब पहुंच चुका है।
आलोच्य अवधि के दौरान बैंक की शुद्ध ब्याज आय 6.83 फीसद बढ़कर 7,508 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले इसी अवधि में यह 7,028 करोड़ रुपये रही थी। बैंक का घरेलू स्तर पर शुद्ध ब्याज मार्जिन सुधरकर 2.96 फीसद हो गया वहीं वैश्विक मार्जिन 2.86 फीसद रहा। बैंक की फीस आधारित आय साल दर साल आधार पर 3.9 फीसद बढ़ गई जबकि पिछली तिमाही के मुकाबले उसमें 22.2 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई।