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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में न आएं बच्चे-बूढ़े, जानिए कारण

Banke Bihari

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मथुरा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) का त्योहार हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जाने वाली है। जन्माष्टमी को लेकर मथुरा-वृंदावन में जमकर धूम देखने को मिलती है। हर कोई इस त्योहार की धूम देखने के लिए मथुरा और वृंदावन पहुंचते हैं। वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में साल में सिर्फ एक बार मंगला आरती होती है। यह आरती जन्माष्टमी (Janmashtami) पर ही की जाती है। मंगला आरती (Mangla Aarti) के लिए इस दिन मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। जन्माष्टमी (Janmashtami) उत्सव तीन दिन तक ब्रज में चलेगा। करीब 80 लाख श्रद्धालुओं के ब्रज में आने की उम्मीद की जा रही है।

श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए बांकेबिहारी मंदिर ने सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि जन्माष्टमी (Janmashtami) के मौके पर मंदिर में श्रद्धालु अपने साथ बुजुर्ग, बच्चे और दिव्यांगजन को न लाएं। इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइन जारी की है। 7 सितंबर को जन्माष्टमी (Janmashtami) और अगले दिन 8 सितंबर को नंदोत्सव पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। जिसे देखते हुए रविवार देर शाम मंदिर प्रबंधन ने एडवाइजरी जारी की है। मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया है कि गर्मी के समय व्रत रखने पर स्वास्थ्य खराब हो जाता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर ही मंदिर आएं।

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साथ ही प्रबंधन ने किसी भी प्रकार का कीमती सामान या बैग अपने साथ न लाने की भी सलाह दी है। श्रद्धालुओं को लपकों और असामाजिक तत्वों से सावधान रहने को कहा है। मंदिर के अंदर जेबकतरों और मोबाइल चोर से भी सावधान रहें। निर्धारित द्वार से ही श्रद्धालुओं को प्रवेश और निकास मिलेगा।

प्रवेश मार्गों पर बनाए गए जूता घर में जूते-चप्पल उतारें। इसके बाद मंदिर की ओर आगे बढ़ें। बीते साल बांकेबिहारी मंदिर में प्रबंधक ने बताया कि अधिक भीड़ संभावना को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। सूर्य उदय में अष्टमी होने पर जन्माष्टमी (Janmashtami) मनाई जाएगी। रक्षाबंधन के आठवें दिन कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

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