नई दिल्ली| वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों ने कोविड-19 के कारण आर्थिक नरमी से प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज का वितरित किया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईसीएलजीएस की घोषणा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में की थी। इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई को ऋण प्रदान करके कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से उत्पन्न संकट को कम करना है। मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों, निजी क्षेत्रों के 24 बैंकों और 31 गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने कर्ज वितरित किए।
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महाराष्ट्र की इकाइयों को 7,756 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किए गए जिसमें से 18 अगस्त तक 6,007 करोड़ रुपये वितरित किएजा चुके हैं। इसके बाद तमिलनाडू का नंबर रहा। यहां 7,740 करोड़ के कर्ज मंजूर किए गए और 5,693 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमों को 9.25 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर गारंटी मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई को इस योजना को मंजूरी दी थी।