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बस्ती जिला जेल की रिपोर्ट स्वंम बता रही है कैदियों की हालत क्या हैं : हाईकोर्ट

बस्ती जिला जेल

बस्ती जिला जेल

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बस्ती जिला जेल की खस्ता हाल रिपोर्ट पर राज्य सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है और रिपोर्ट मांगी है। याचिका की सुनवाई 25 नवम्बर को होगी।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता की खंडपीठ ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बस्ती के सचिव वी के जायसवाल की रिपोर्ट पर कायम जनहित याचिका पर दिया है।

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मालूम हो कि सचिव जेल का निरीक्षण करने गये और जेल की दुर्दशा पर प्रशासनिक न्यायाधीश को रिपोर्ट भेजी। जिसे चीफ जस्टिस को भेजा गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला जेल में क्षमता से अधिक कैदी है। सफाई नही है। चिकित्सा सुविधा ठीक नही है। वोकेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था नही है। पेरोल की सुनवाई मे अनावश्यक देरी की जाती है। पुस्तकालय नही है।कैदियों को साक्षर बनाने के लिये एक अध्यापक हैं किन्तु आते नही है। अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब पडे है। कोरोना मरीजो के लिए अलग रखने की व्यवस्था नही है।

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कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट स्वयं बता रही है कि कैदियों की हालत क्या है। कोर्ट ने कहा कि जेलों में दंडात्मक व सुधारात्मक दोनो तरीकों को देश मे अपनाया गया है। मिक्स फार्मूला लागू है।जहा कठोर दंड दिया जाता है वही सुधार गृह भी कहा जाता है।

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