बॉम्बे हाईकोर्ट से बीसीसीआई को एक विवाद में बड़ी राहत मिली है। बीसीसीआई को आईपीएल का हिस्सा रही डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग लिमिटेड को एक विवाद में 4800 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इस आदेश को जस्टिस एस पटेल की खंडपीठ ने रद्द कर दिया है। बीसीसीआई ने जुलाई 2020 के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसे 4800 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था। ये मामला साल 2012 में डेक्कन चार्जर्स होल्डिंग लिमिटेड के साथ फ्रेंचाइजी समझौते को समाप्त करने को लेकर था।
डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड के स्वामित्व वाली डेक्कन चार्जर्स इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) की आठ मूल टीमों में से एक थी। एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में डेक्कन चार्जर्स ने साल 2009 के आईपीएल का सीजन भी जीता था। बीसीसीआई ने सितंबर 2021 में फ्रेंचाइजी को समाप्त कर दिया था। बीसीसीआई ने डेक्कन चार्जर्स पर ये भी आरोप लगाया था कि उसने बीसीसीआई के कोड का उल्लंघन किया है। वहीं डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग लिमिटेड ने फ्रेंचाइजी को नीलाम करने की कोशिश की। इसके बाद बीसीसीआई ने डीसीएचएल का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया था और सभी खिलाड़ियों को ऑक्शन में डाल दिया।
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इसके बाद डीसीएचएल ने बीसीसीआई के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि ये बर्खास्तगी मनमानी थी। कोर्ट ने साल 2021 में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सीके ठक्कर को मध्यस्थ नियुक्त किया था। जिन्होंने पिछले साल डेक्कन चार्जर्स को 4800 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ बीसीसीआई ने अपील की थी।