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बच्चों में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान, हो सकता है नेफ्रोटिक सिंड्रोम

नेफ्रोटिक सिंड्रोम

नेफ्रोटिक सिंड्रोम

नेफ्रोटिक सिंड्रोम किडनी से जुड़ी एक आम बीमारी है। इसकी वजह से शरीर में सूजन हो जाती है। वैसे तो यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बच्चों में यह ज्यादातर देखने को मिलती है। दरअसल, इस बीमारी में किडनी में छन्नी जैसे जो छोटे-छोटे छेद होते हैं, वो बड़े हो जाते हैं, जिसके कारण शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन भी पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। इससे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और सूजन होने लगती है।

यह बीमारी मुख्य तौर पर दो से छह साल के बच्चों में दिखाई देती है। ऐसा नहीं है कि इससे ज्यादा उम्र के लोगों को यह बीमारी नहीं होती, लेकिन अन्य उम्र के व्यक्तियों में इस बीमारी की संख्या बच्चों की तुलना में बहुत कम दिखाई देती है।

आमतौर पर इस बीमारी की शुरुआत बुखार और खांसी के बाद होती है। इसके शुरुआती लक्षणों में आंखों के नीचे और चेहरे पर सूजन का होना शामिल है। सुबह सोकर उठने के बाद यह सूजन ज्यादा दिखती है, जो दिन में बढ़ती है और फिर धीरे-धीरे कम होने लगती है। फिर शाम को यह सूजन बिल्कुल कम हो जाती है।

पेट फूल जाना, पेशाब कम होना पूरे शरीर में सूजन आना और वजन बढ़ जाना भी नेफ्रोटिक सिंड्रोम के ही लक्षणों में शामिल हैं। कई बार पेशाब में झाग भी आता है और जहां पेशाब किया हुआ होता है, वहां सफेद दाग भी दिखने लगता है।

इस बीमारी में लाल पेशाब होना, सांस फूलना या खून का दबाव बढ़ना जैसे कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसलिए ऐसी कोई शिकायत होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि यह किसी और बीमारी का संकेत हो सकता है।

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