Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

दुर्लभ बीमारी के वजह से मिली खूबसूरत आंखें

Waardenburg syndrome

लाइफ़स्टाइल डेस्क। नीली आंखों का जिक्र हमेशा अनोखी सुंदरता के तौर पर किया जाता है। लेकिन इंडोनेशिया जैसे देश में नीली आंखों वाले लोगों का मिलना कोई आसान बात नहीं है। इस देश की बहुसंख्यक आबादी के काले बाल और काली आंखें हैं। हालांकि, इंडोनेशिया की एक स्थानीय जनजाति के कुछ सदस्यों की आंखें नीली रंग की चमकती हुई है। लेकिन उनकी ये आंखे सुंदरता की जगह दर्द का सबब है। क्योंकि उनके आंखों का रंग एक दुर्लभ रोग के वजह से बदल गया है।

‘वॉर्डनबर्ग सिंड्रोम’ एक ऐसा रोग है, जिसके वजह से सुनने की क्षमता में कमी आ जाती है और विशिष्ट शारीरिक अंगों के रंग में भी कमी हो जाती है। हालांकि, यह रोग बहुत ही दुर्लभ है। ऐसा माना जाता है कि यह रोग लगभग 42,000 लोगों में से एक व्यक्ति को होता है। यह रोग कई जीनों में बदलाव के कारण होता है, जो भ्रूण के विकास में तंत्रिका शिखा कोशिकाओं के संचालन को प्रभावित करता है। वॉर्डनबर्ग सिंड्रोम होने पर दोनों आंखें या फिर केवल एक चमकदार नीली रंग की हो सकती है।

वॉर्डनबर्ग सिंड्रोम का प्रभाव विशेष रूप से जातीय समूहों में देखा जा सकता है, जिनमें नीली आंखें जैसी विशेषता बहुत दुर्लभ है। इंडोनेशियाई भूविज्ञानी और शौकिया फोटोग्राफी करने वाले कोरचनोई पसारीबू के द्वारा ली गई बूटन जनजाति के सदस्यों की तस्वीरों में आप इनके आंखों के रंगों में आए बदलाव को देख सकते हैं।

बूटन जनजाति के लोगों का घर इंडोनेशिया के सुलावेसी क्षेत्र में बूटन द्वीप पर स्थित है। इस जनजाति समुह में से कुछ लोग वॉर्डनबर्ग सिंड्रोम से पीड़ित हैं और इनकी  एक या दोनों आंखें बेहद चमकीले नीले रंग की हो चुकी हैं।

Exit mobile version