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2005 से पहले लोग बिहारी कहलाने में शर्म महसूस करते थे : सुशील

सुशील मोदी

सुशील मोदी

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2005 के पहले बिहार की हालत अफ्रीकी देशों से भी ज्यादा खराब थी, लोग बिहारी कहलाने में शर्म महसूस करते थे और अपनी पहचान छुपाते थे।

श्री मोदी ने मंगलवार को बिहार सरकार के सात विभागों की अनेक योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास के लिए आयोजित ऑनलाइन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2005 के पहले बिहार की हालत अफ्रीकी देशों से भी ज्यादा खराब थी । लोग बिहारी कहलाने में शर्म महसूस करते थे और अपनी पहचान छुपाते थे। बड़ी मुश्किल से उस अंधेरी सुरंग से आज बिहार को निकाल कर यहां तक लाया गया है।

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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से बिहार की मदद कर रहे हैं, वैसे में अब बिहार का विकास कभी रुकेगा नहीं। उन्होंने कहा कि आज कोरोना, चमकी बुखार से लेकर सड़क, बिजली, पानी के साथ ही बाहर से आए मजदूर और बाढ़ को भी विपक्ष मुद्दा नहीं बना पा रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि शुरुआत में विपक्ष ने कोरोना को मुद्दा बनाने का प्रयास किया लेकिन आज प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा जांच हो रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित अन्य अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं। सरकार की सजगता की वजह से ही इस साल चमकी बुखार से बड़ी संख्या में बच्चों की जान बचाई जा सकी है।

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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 लाख से ज्यादा मजदूरों को ट्रेन से उनके घरों तक पहुंचाया गया। उन्हें आठ महीने का मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। 20 लाख बाढ़ पीड़ितों को उनके खाते में छह-छह हजार रुपये भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि इको टूरिज्म के नए स्थल के तौर पर जिस बेहतर ढंग से करकटगढ़, तुतला भवानी और वाल्मीकिनगर का विकास किया गया है, वह कल्पना से परे हैं।

श्री मोदी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि यदि आगे मौका मिलता है तो वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में मंत्रिपरिषद की पहली बैठक जरूर आयोजित की जाए ताकि पूरे देश का ध्यान आकृष्ट हो। उन्होंने कहा कि पटना में जिस राष्ट्रीय डाल्फिन शोध संस्थान का शिलान्यास किया जा रहा है वह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का पहला संस्थान होगा।

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