आजमगढ़। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। इस दौरान आयोजित जनसभा को मुख्यमंत्री ने संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ की पहचान के संकट को खत्म करेगा तो वहीं आजमगढ़ को आर्यमगढ़ बनाएगा। 2014 के पूर्व आजमगढ़ के लोगों को कहीं बाहर कमरा नहीं मिलता था। इसके पीछे आजमगढ़ का होना प्रमुख कारण था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब आजमगढ़ को आतंक का गढ़ नहीं कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय पूरी तरह से आजमगढ़ की पहचान के संकट को खत्म कर देगी। आजमगढ़ के विकास को लेकर सरकार ने एक्सप्रेस-वे बनाया। यह एक्सप्रेस आजमगढ़ के विकास में रीढ़ बनेगा। एयरपोर्ट का काम भी 95 प्रतिशत पूरा हो गया है, जल्द ही आजमगढ़ एयरपोर्ट से उड़ान भी शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब आजमगढ़ की पहचान आतंक के गढ़ के रुप में होती थी। पूर्व की सरकारों ने जातिवाद, परिवारवाद व तुष्टिकरण वाद को बढ़ावा देने का काम किया लेकिन हमारी सरकार ने जनता के हित की योजनाओं को आगे बढ़ाने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनकी योजनाओं का प्रदेश में सफल संचालन हुआ।
गरीबों को 2020 में जहां पांच माह तो 2021 में आठ माह मुफ्त राशन बांटा गया। पूर्व की सरकार इसी राशन को कालाबाजारी कर बांग्लादेश भेज देती थी। हमने साढ़े चार लाख को सरकारी तो तीन लाख को संविदा नौकरी दी। नौकरी पाने वाले ये नवजवान मेरे, मोदी या शाह के परिवार के नहीं है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान सपा मखिया और आजमगढ़ सांसद अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि कोरोना काल में आप के सांसद आप के बीच नहीं आए लेकिन चुनाव का वक्त आते ही नजर आने लगे हैं। आजमगढ़ हमारा कार्य क्षेत्र है। 2007 में यहीं मुझ पर हमला हुआ था। शिब्ली पीजी कॉलेज में अजीत राय की हत्या इसलिए कर दी गई कि उसने गणतंत्र दिवस पर वंदेमातरम का गान करने की मांग की थी। वह विद्यार्थी परिषद का सदस्य था। यह सब पूर्ववर्ती सरकार में हुआ है लेकिन आज की सरकार में किसी में ऐसा करने की हिम्मत नहीं है।