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नया काम शुरू करने से पहले लें ले हनुमान जी के ये नाम, हर काम हो जाएगा सफल

Hanuman Janmotsav

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हनुमान जी अपने भक्तों पर आने वाले तमाम तरह के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. उनकी पूजा पाठ में ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती. शायद यही वजह है कि आज के समय में हनुमान जी के भक्तों की संख्या भी बहुत अधिक हो गई है. हनुमान जी राम भक्त हैं और उनकी शरण में जाने मात्र से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं. बजरंगबली कलयुग के देवता हैं. भगवान राम के भक्त हनुमान अपने भक्तों की हर विपदा को दूर करते हैं.

ऐसी ही महिमा है बजरंग बली के बारह नामों की. कहा जाता है कि बजरंग बली के अंजनी सुत, वायु पुत्र, महाबल, रामेष्ठ, फाल्गुण सखा, पिंगाक्ष, अमित विक्रम, उदधिक्रमण, सीता शोक विनाशन, लक्ष्मण प्राणदाता, दशग्रीव दर्पहा प्रमुख 12 नाम बहुत ही प्रभावशाली हैं. सुबह पूजा के समय और कोई भी नया काम शुरू करने से पहले इन नामों को लेने से हर विपदा का नाश होता है और काम में सफलता मिलती है.

ये हैं बजरंगबली के 12 नाम-

हनुमान

अंजनीसुत

वायुपुत्र

महाबल

रामेष्ट

फाल्गुनसख

पिंगाक्ष

अतिविक्रम

उदधिक्रमण

चैव सीताशोकविनाशन

लक्ष्मण-प्राणदाता

दशग्रीवस्यदर्पहा

इनका मंत्र है- अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहं। दनुजवनशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुण निधानं, वानराणामधीशं। रघुपतिप्रिय भक्तं, वातजातं नमामि॥

अर्थात् अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कांतियुक्त शरीर वाले, दैत्य रूपी वन (को ध्वंस करने) के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमानजी को मैं प्रणाम करता हूं.

ज्योतिषियों की गणना के अनुसार बजरंगबली का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था. हनुमानजी के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी थे और माता अंजनी थी. हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता है और उनके पिता वायु देव भी माने जाते हैं.

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