कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आगामी त्योहारों को लेकर अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने एक याचिका को सुनते हुए, वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। जिन त्योहारों के लिए बैन लगाया गया है, उनमें काली पूजा, दिवाली, छठ पूजा और क्रिसमस है।
वहीं, जज सब्यसाची भट्टाचार्य और जज अनिरुद्ध रॉय की खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए और पटाखे जब्त कर लिये जाएं। इस आदेश ने पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक हालिया अधिसूचना को निष्प्रभावी कर दिया है जिसमें दिवाली और काली पूजा पर सीमित समय के लिए ‘हरित’ पटाखे चलाने की अनुमति दी गयी थी। उच्च न्यायालय की पीठ ने आतिशबाजी पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर यह आदेश सुनाया।
रोम में PM ने महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि, भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात
बता दें कि, इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार ने दिवाली पर दो घंटे (8-10), छठ पूजा पर 6-8, नए साल के मौके पर 35 मिनट पटाखों को फोड़ने की अनुमति दी थी। हालांकि, कलकत्ता हाई कोर्ट ने इन मौकों पर पटाखों के इस्तेमाल और सेल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया।
देश में सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स के निर्माण और बिक्री के अपने पुराने आदेश का पालन न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। ग्रीन क्रैकर्स के नाम पर नकली पटाखों की बाजार में गुपचुप ढंग से खरीद-फरोख्त पर जस्टिस शाह ने टिप्पणी की कि यहां तो क्यूआर कोड तक नकली आ रहे हैं। पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक के पुराने आदेश को कैसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश सुरक्षित रखा।