पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए चौथे चरण के मतदान वाले दिन कूचबिहार के सीतलकुची इलाके में कथित फायरिंग में पांच लोगों की मौत के बाद चुनाव आयोग ने क्षेत्र में शांति बहाली के लिए सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि वे रविवार को पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगी। इसके लिए शनिवार शाम को ही वे सिलीगुड़ी पहुंच गई थीं और मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर साजिश रचने का आरोप लगाया था।
ममता ने कहा था कि शाह के इशारे पर सुरक्षाबलों ने गोली मारकर आम लोगों की हत्या की है। अब चुनाव आयोग ने जो नई निर्देशिका जारी की है उसमें 72 घंटे तक कूचबिहार में बाहरी राजनेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। आयोग की ओर से जारी निर्देशिका के मुताबिक जिले की भौगोलिक सीमा में कोई प्रवेश नहीं कर सकेगा। जिला प्रशासन और राज्य पुलिस महानिदेशक को इस निर्देशिका को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया गया है।
अब 72 घंटे पहले थम जाएगा चुनाव प्रचार का शोर
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में बाकी बचे चार चरणों के मतदान के दौरान भी प्रचार को लेकर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। अब बाकी के चार चरणों में 48 घंटे नहीं बल्कि 72 घंटे पहले चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि सीतलकुची में मतदान की लाइन में लगे अट्ठारह साल के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से पूरे क्षेत्र में तनाव पसर गया था। कई इलाकों में मतदाताओं को मतदान केंद्र पर आने से रोके जाने का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगे थे जिसकी सूचना के बाद सीआईएसएफ व राज्य पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) मौके पर पहुंची थी। आरोप है कि ग्रामीणों ने इस टीम को घेरकर हमला करने की कोशिश की जिसकी वजह से सुरक्षाबलों ने आत्मरक्षा में फायरिंग की। इसमें चार लोगों की जान चली गई है।
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इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि ममता बनर्जी ने लोगों को उकसाया था कि सुरक्षाबलों को घेरकर हमला करो इसीलिए ऐसी घटना हुई। इधर ममता का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर सुरक्षाबलों ने आम लोगों को गोली मारी है ताकि अव्यवस्था फैले।