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कारोनो का बावजूद बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया गया:  सुरेश खन्ना

suresh khanna

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लखनऊ। कोरोना के बावजूद उत्तर प्रदेश ने काफी बेहतर वित्तीय प्रबंधंन किया है जिसकी सब जगह सराहना भी हुई है। क्रेडिट डिपाजिट रेशियो 6 फीसदी बढ़ा है। जब सरकार सत्ता में आई थी तो यह 46 फीसदी था। ये बातें वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने प्रेसवार्ता में कहीं।

उन्होने कहा कि बैंक शाखा प्रसार कार्यक्रम के तहत पिछले पांच वर्षों में प्रदेश में 90 हजार से अधिक बैंकिंग आउटलेट्स खोले गए हैं। मार्च 2022 तक प्रदेश में 1,33,938 बैंकिंग आउटलेट्स हैं।

वित्त व संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार का बजट भी काफी बड़ा हुआ है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना में देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। मार्च 2022 तक सात करोड़ 90 लाख लाभार्थी हैं, जबकि पांच वर्ष पहले मार्च 2017 तक चार करोड़ 47 लाख लाभार्थी ही थे। पांच वर्षों में 3.43 करोड़ लाभार्थियों की वृद्धि हुई है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में देश में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में 247 फीसदी की ग्रोथ हुई है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। मार्च 2022 तक प्रदेश में कुल 3.73 करोड़ लाभार्थी हैं। इसमें पिछले पांच साल की तुलना में 211 फीसदी अधिक हैं।

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि देश में अटल पेंशन योजना में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है और पिछले पांच वर्षों में 833 फीसदी की ग्रोथ हुई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में पिछले पांच वर्षों में लगातार सौ फीसदी से अधिक की ग्रोथ मिली है। पांच वर्षों में 2.43 करोड़ खातों में 1.32 लाख करोड़ रुपए लोन दिए गए हैं। जबकि पांच वर्ष पहले मार्च 2017 तक मात्र 14,754 करोड़ रुपए ही लोन दिए गए थे। प्रधानमंत्री स्टैंडअप इंडिया योजना में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर है। 15307 लाभार्थियों को 3105 करोड़ रुपए का लोन दिलाया गया है। विभिन्न ऋण योजनाओं के तहत पिछले पांच वर्षों में पांच लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है।

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वित्त व संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में उत्तर प्रदेश पूरे भारत वर्ष में प्रथम स्थान पर है। देश के 10 अग्रणी जिलों में प्रदेश के छह जिले लखनऊ (प्रथम), कानपुर (द्वितीय), आगरा (पांचवें), वाराणसी (छठे), मेरठ (नौवें) एवं प्रयागराज (दसवें) नंबर पर है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8.24 लाख आवेदन पत्रों में ऋण स्वीकृत किया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की एसएलबीसी पिछले पांच वर्षों से देश की सर्वश्रेष्ठ एसएलबीसी है। पिछले साल अक्टूबर, नवम्बर और दिसंबर में तीन माह में 11-11 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण कराते हुये लगभग 33 हजार करोड़ का ऋण प्रवाह कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया है।

वित्त मंत्री ने बताया कि अगले 100 दिन में 21 हजार करोड़, छह महीने में 51 हजार करोड़ औऱ पांच साल में दो लाख करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही आने वाले समय में बैंकिंग सुविधा बढ़ाने के लिए 700 बैंक शाखाएं और इसी अनुपात में एटीएम खुलेंगे।

वित्त व संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश का आत्मनिर्भर बनाना है और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। सरकार बेहतर वित्तीय प्रबंधन कर रही है और खर्च भी कम कर रही है।

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