हैदराबाद। भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने हैदराबाद में शुक्रवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। भारत बायोटेक ने कोवाक्सिन के तीसरे चरण का ट्रायल नवंबर के मध्य में शुरू किया था। ट्रायल के लिए 13 हजार स्वयंसेवकों की भर्ती की गई है। कंपनी की मानें तो तीसरे चरण के लिए वह विभिन्न स्थानों से कुल 26 हजार लोगों की भर्ती करेगी।
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पहले और दूसरे चरण के ट्रायल्स में लगभग एक हजार लोगों पर कोवाक्सिन की जांच की गई थी। वैक्सीन को भारत बायोटेक के बीएसएल-3 संयंत्र में विकसित किया गया है। टी-सेल्स लंबे वक्त तक शरीर में मौजूद रहती हैं और वायरस के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती हैं। अध्ययन में पाया गया है कि उक्त एंटीबॉडीज छह से 12 महीने तक रह सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे चरण के अध्ययन में भी इस वैक्सीन के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। वैक्सीन के दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के नतीजे सुरक्षित पाए गए हैं।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को लेकर एक अनुसंधान पत्र में यह जानकारी दी।
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कोवैक्सीन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान मिलकर बना रहे हैं। इसके तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला का कहना है यह भारत में होने वाला एक अभूतपूर्व वैक्सीन परीक्षण है। ट्रायल के नतीजों से कंपनी उत्साहित हैं। इस मुलाकात में भारत और दुनिया में स्वदेशी वैक्सीन को उपलब्ध कराने के बारे में चर्चा हुई। बता दें कि भारत बायोटेक कोवैक्सीन नाम का कोविड टीका विकसित कर रही है।