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भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट: 7 आतंकियों को मिली फांसी, एक को उम्रकैद

Charge Sheet

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भोपाल। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए ब्लास्ट (Bhopal-Ujjain Passenger Train Blast) में मदद पहुंचाने के मामले में सात दोषियों को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस के आतंकी मोहम्मद फ़ैसल, ग़ौस मुहम्मद खान, मो अजहर, आतिफ मुज्जफर, मो. दानिश, सैयद मीर हुसैन और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को मृत्यु दंड की सजा, जबकि मो. आतिफ उर्फ आतिफ ईरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

एनआईए स्पेशल कोर्ट ने आज देर शाम दोषियों की सजा का ऐलान किया। सात मार्च 2017 को यूपी एटीएस ने दर्ज किया था मामला। गिरफ्तार आतंकियों से असलहे, बारूद हुए थे।

मालूम हो कि इस मामले में कुल 9 आतंकी दोषी ठहराए गए थे। इनमें से एक आतंकी सैफुल्ला की मुठभेड़ में मारा गया था। 6 साल पहले शाजापुर के पास जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में हुआ था जिसमें 9 लोग घायल हो गए थे। जबड़ी रेलवे स्टेशन पर सुबह 9.38 बजे ट्रेन में जोरदार बम धमाका हुआ जिससे अफरातफरी मच गई थी। कई यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर अपनी जान बचाई थी। इस मामले की जांच को केंद्र सरकार ने एनआईए के हवाले कर दिया था।

इन धाराओं के तहत दर्ज था मामला

गौरतलब है कि आठों दोषियों को आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने से जुड़े ‘कानपुर षडयंत्र’ मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था। भारतीय दंड संहिता, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। NIA की जांच में यह खुलासा हुआ कि दोषियों ने IED बनाई और उनमें से कुछ का टेस्ट किया। इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लगाने की कोशिश की थी।

आतंकी समूह ने कई स्थानों से कथित तौर पर अवैध हथियार और विस्फोटक सामग्री जुटाई थी। आईएसआईएस की साजिश का मामला उस वक्त सामने आया, जब कानपुर नगर निवासी मुख्य आरोपी मोहम्मद फैसल को ट्रेन में विस्फोट की घटना को लेकर गिरफ्तार किया गया। फैसल से पूछताछ के दौरान हुए खुलासे के आधार पर उसके सहयोगियों गौस मोहम्मद खान उर्फ ‘करन खत्री’, अजहर खान उर्फ ‘अजहर खलीफा’ और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को गिरफ्तार किया गया था। वे सभी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।

जाकिर नाइक के दुष्प्रचार से थे प्रभावित

एनआईए प्रवक्ता के मुताबिक, मामले की जांच से यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हुआ कि आरोपी ISIS के सदस्य थे और वे इस्लामिक स्टेट व इसके नेता अबू बकर अल बगदादी के प्रति निष्ठा रखते थे। प्रवक्ता ने कहा, ‘मुजफ्फर, नेतृत्वकर्ता था और वह (इस्लामी उपदेशक) जाकिर नाइक के दुष्प्रचार से प्रभावित था। यह पाया गया कि वह आईएस से जुड़ी वेबसाइट अक्सर देखा करता था, जहां से वह वीडियो डाउनलोड करता था तथा उन्हें अपने समूह के अन्य लोगों के साथ साझा करता था।

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एनआईए ने कहा कि सभी आठों दोषी आईएसआईएस की गतिविधियों को भारत में बढ़ावा दे रहे थे। एजेंसी ने कहा, ‘इस उद्देश्य की खातिर फैसल, गौस खान, मुजफ्फर, दानिश और सैफुल्ला ने स्थल मार्गों का पता लगाया। उन्होंने प्रवासन के लिए कोलकाता, सुंदरवन, श्रीनगर, अमृतसर, वाघा सीमा, बारमेड़, जैसलमेर, मुंबई और कोझिकोड सहित  कई प्रमुख शहरों की यात्रा की। फैसल, अतीफ और सैफुल्ला ने मार्च 2016 में कश्मीर की भी यात्रा की थी।’

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