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राम मंदिर का भूमि पूजन वीडियो कांफ्रेसिंग से होना अंध विरोध का परिचायक है : विहिप

विहिप-उद्धव ठाकरे

विहिप-उद्धव ठाकरे

अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने शिव सेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बयान को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उन्होने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राममंदिर का भूमि पूजन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये करने की सलाह दी थी।

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को कहा “ हम अयोध्या में राममंदिर के लिये होने वाले भूमि पूजन को लेकर श्री ठाकरे के बयान से चिंतित है। उनका कहना है कि भूमि पूजन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये होना चाहिये। उनका बयान अंध विरोध का परिचायक है। हमें नहीं लगता कि यह उसी हिन्दुत्व विचाराधारा वाली पार्टी का नेतृत्व कर रहे है जिसकी बागडाेर कभी दिग्गज श्री बाला साहेब ठाकरे के हाथों में थी। ”

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उन्होने कहा “ भूमि पूजन एक आवश्यक और पवित्र अनुष्ठान है। किसी भी निर्माण कार्य को शुरू करने से पहले हम धरती मां की पूजा करते है। निर्माण कार्य के लिये उनकी अनुमति लेते है जिनके आर्शीवाद के बिना कोई निर्माण कार्य संभव नहीं है और यह पुनीत काज ई- कांफ्रेंस से संभव नहीं है। ”

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा देश में सभी सामान्य गतिविधियां कोविड-19 से बचाव के लिये जरूरी एहतियात बरतने के साथ संचालित की जा रही है। उच्चतम न्यायालय ने श्री जगन्नाथ रथ यात्रा सांकेतिक रूप से निकालने की अनुमति दी थी जबकि श्री अमरनाथ यात्रा की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराये जा रहे हैं।

उन्होने साफ किया कि भूमि पूजन में सिर्फ 200 लोग हिस्सा लेंगे जिनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की जांच होगी। इस दशा में श्री ठाकरे का बयान केवल झूठे मिथ्याभिमान से ग्रसित लगता है।

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