पंजाब। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद का चुनाव शुक्रवार को संपन्न हुआ। बीबी जागीर कौर ने अपने विरोधी पंथक संगठनों के उम्मीदवार मिट्ठू सिंह को 102 मतों से पराजित किया है। इससे पहले वह दो बार और भी अध्यक्ष रह चुकी हैं।
साधारण सभा में उपस्थित 143 सदस्यों में से 122 ने बीबी जागीर के पक्ष में मतदान किया है। मिट्ठू सिंह को मात्र 20 वोट मिले। एक वोट रद्द हो गया है। चुनाव में बादल समर्थकों ने बीबी जागीर कौर का नाम अध्यक्ष पद के लिए पेश किया तो विरोधी सदस्यों ने मिट्ठू सिंह का नाम पेश कर दिया है।
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अध्यक्ष पद के चुनाव में मिली करारी हार के बाद बादल विरोधी एसजीपीसी सदस्यों ने दूसरे पदों के लिए मतदान की मांग नहीं की। बीबी जागीर कौर के अध्यक्ष पद की सेवा संभालने के बाद सुरजीत सिंह को सीनियर उपाध्यक्ष, बाबा बूटा सिंह को जूनियर उपाध्यक्ष व भगवंत सिंह स्यालका को सर्वसम्मति से महासचिव चुना गया है।
कार्यकारिणी के 11 सदस्यों में बलदेव सिंह चूंघा, संत चरणजीत सिंह, नवतेज सिंह कोउनि, सतविंदर सिंह टोहरा, अजमेर सिंह खेड़ा, दर्शन सिंह शेर खान, भूपिंदर सिंह भलवान, हरभजन सिंह मसाना, बीबी मंजीत कौर कमालपुर के साथ-साथ विरोधी गुट के दो सदस्यों को भी शामिल किया गया है। अध्यक्ष पद के चुनाव में पराजित होने वाले मिट्ठू सिंह और अमरीक सिंह शाहपुर भी कार्यकारिणी में अपना स्थान बनाने में सफल रहे।
एसजीपीसी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के चुनाव से पहले पुलिस की ओर से कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात थी। यहीं पर चुनाव संपन्न हुए। एसजीपीसी परिसर स्थित श्री गुरु राम दास सरायें व गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब के रास्तों पर अवरोध लगाकर सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। एसजीपीसी परिसर में प्रवेश करने वालों पर पुलिस की कड़ी नजर थी।
शिअद (डेमोक्रेटिव) के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा कि जब से शिअद (बादल) में सुखबीर बादल व बिक्रम मजीठिया कल्चर भारी हुआ है, तब से एसजीपीसी चुनाव में लिफाफा संस्कृति भारी हो गई है। एसजीपीसी अध्यक्ष का नाम लिफाफे से निकालना सिखों की इस महान संस्था के अस्तित्व को नकारने जैसा है। एसजीपीसी के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के चुनाव के समय गुरुद्वारा एक्ट के नियमों का पालन करना काबिज धड़े की बड़ी जिम्मेदारी है।
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शिअद (अमृतसर) व सतिकार कमेटियों के सैकड़ों सदस्यों ने शुक्रवार सुबह सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार घंटा घर स्थित प्लाजा के बाहर शांतिंपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हरबीर सिंह संधू ने कहा कि वह बादल परिवार की ओर से भेजे गए लिफाफे में से निकलने वाले एसजीपीसी प्रधान व श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को स्वीकार नहीं करेंगे। जब तक लापता पावन स्वरूपों के मामले में आरोपी एसजीपीसी कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कानूनी करवाई नहीं की जाती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
एसजीपीसी के आईटी सेल ने अध्यक्ष पद की वोटिंग के दौरान ही बीबी जागीर कौर को विजेता घोषित कर दिया है। एसजीपीसी की सोशल मीडिया साइट में बीबी जागीर कौर के अध्यक्ष चुने जाने पर देश-विदेश से बधाइयां मिलने लगीं, जबकि उस समय एसजीपीसी के सदस्य वोटिंग कर रहे थे। नियमानुसार जब तक चुनाव परिणाम घोषित नहीं होते हैं, तब तक किसी को भी विजेता घोषित नहीं किया जा सकता ।