Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

बिडेन ने भारत-अमेरिका संबंधों पर कहा- सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं

joe biden

बिडेन

वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रैलियों का दौर शुरू हो चुका है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन भारतीयों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं।

उन्होंने शनिवार को अपने प्रचार अभियान में कहा कि उनका प्रशासन भारत-अमेरिका संबंधों को लगातार मजबूत करने में उच्च प्राथमिकता देगा। साथ ही उन्होंने आतंकवाद को लेकर भी निशाना साधा।

गाजा में हमास के ठिकानों पर इजरायली हवाई हमला, कई मकान क्षतिग्रस्त

आतंकवाद पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि उनका प्रशासन हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में शांति के लिए समर्थन जारी रखेगा, जिससे चीन सहित कोई भी देश अपने पड़ोसी देश को धमकी नहीं दे पाएगा। बिडेन ने अपने चुनाव प्रचार में कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध काफी पुराने हैं और मैंने इन्हें नजदीक से देखा है। इस रिश्ते को बनाए रखना मेरे प्रशासन की प्राथमिकता होगी। बता दें भारतीयों अपनी तरफ करने के लिए जो बिडेन ने भारतवंशी कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति के पद का उम्मीदवार बनाया है।

जो बिडेन ने एक नीतिगत दस्तावेज भी जारी किया था। इसमें कहा गया था कि बिडेन यह सुनिश्चित करेंगे कि दक्षिण एशियाई अमेरिकियों का उनके प्रशासन में प्रतिनिधित्व हो, जिसके बाद उन्होंने कमला को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया।

बिडेन ने कमला हैरिस की मां के बारे में भी कुछ बातें कहीं थी, उन्होंने कहा था कि उनकी मां भारत से आई हैं और अमेरिका में उनका जीवन बेहतर हुआ है। जो बिडेन ने अपने चुनाव प्रचार में भारतीयों और अमेरिकियों के संबंधों मुख्य मुद्दा बनाया है।

ताइवान ने 66 लड़ाकू विमानों के खरीदने के लिए अमेरिका के साथ समझौते पर किए हस्ताक्षर

इस चुनाव में लगातार नेता अपनी प्रतिक्रियाएं दर्ज करा रहे हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को एक बुरी औरत तक करार दे दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी काफी निंदा की गई। ये चुनाव कोविड 19 महामारी के बीच हो रहे हैं, इस महामारी को लेकर बिडेन लगातार राष्ट्रपति ट्रंप पर हमलावर हैं। वो अपनी हर रैली में ट्रंप प्रशासन पर निशाना साधते हैं कि वह अमेरिका में कोरोना से हो रही मौतों को रोकने में नाकाम साबित हुए हैं।

Exit mobile version