भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के उत्तराखण्ड पहुंचने से पहले भाजपा खेमे के लिए एक बुरी खबर आई है । देहरादून के कालीदास मार्ग पर बने श्रीगौरीशंकर मन्दिर के अहाते में संघ, भाजपा, भाजयुमो ,यूकेडी ,दिल्ली की आम आदमी पार्टी के दिग्गज प्रदेश-स्तरीय नेताओं समेत सेना के अवकाश प्राप्त कई आला-अधिकारी कांग्रेस के मंच पर जुटे।
मंच पर मौजूद हरीश रावत की मौजूदगी में सबने कांग्रेस की विधिवत सदस्यता ग्रहण कर भाजपा को ‘सबका-विकास, सबका-साथ, सबका-विश्वास की जमीनी हकीकत पर खुली-बहस की चुनौती दी ।
कांग्रेसजनों का मनोबल बढ़ाने के लिए नेहरू-गांधी परिवार के विश्वस्त सहयोगी व रणनीति कार आदिल गांधी भी जनसभा में पहुंचे। राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि हरीश रावत इस बार अपने राजनीतिक-वन की सबसे आसान लड़ाई लड़ रहे हैं, उनका मुकाबला उत्तराखण्ड भाजपा के कमजोर नेतृत्व से है, लेकिन कांग्रेस इस लड़ाई को बेहद गंभीरता, सावधानी एवं नियोजित तरीके से लड़ रही है। हजारों लोगों की मौजूदगी में रावत ने जहां केन्द्र व प्रदेश सरकार की नाकामियों पर कड़े प्रहार किये, वहीं आदिल गांधी ने भाजपा से पूछा कि अपने संस्थापकों के परिवारों को उचित सम्मान एवं अपनत्व न देने के लिए उनके किन-किन धनाढ्य-मित्रों ने उसे मशविरा दिया है? उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस के मुट्ठी भर नेताओं को आयातित करने के खेल में अपना समय गंवा रही है लेकिन उसके कार्यकर्ता रोज कांग्रेस से जुड़ रहे हैं, भाजपा का नेतृत्व केवल दो लोग कर रहे हैं जबकि कांग्रेस का नेतृत्व लाखों कार्यकर्ता कर रहे हैं ।
नड्डा कल उत्तराखण्ड पहुंचकर विधानसभा चुनाव की रणनीति का जमीनी जायजा लेंगे, वहीं उनकी पार्टी के कई दिग्गज उन्हें वहां नदारद मिलेंगे, बूथ-प्रबंधन में अमित शाह से पुरस्कार पा चुके संघ के प्रचारक रहे राजकिशोर अब हरीश रावत के बूथ-प्रबन्धन सलाहकार हैं, संघ के प्रचारक रहे एवं विहिप के बड़े नेता महेन्द्र सिंह नेगी गुरु कांग्रेस को मजबूत कर रहे हैं, भाजयुमो के बड़े नेता राजकुमार जायसवाल को कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के झण्डा अभियान समिति का संयोजक नियुक्त कर आज रावत ने भाजपा को आज एक बड़ी चुनौती दी है। संघ के ही प्रचारक एवं यूकेडी एवं आम आदमी पार्टी के दिग्गज प्रदेश-स्तरीय नेता शीशपाल सिंह विष्ट को भी जल्दी ही बड़ी जिम्मेदारी रावत सौंपने जा रहे हैं, आज की जनसभा में आम आदमी पार्टी की प्रदेश महामंत्री तथा गोरखाली-समाज में अपना खास असर रखने वाली कमला थापा ने पार्टी के दिग्गज प्रदेश-स्तरीय नेताओं के अलावा मसूरी व राजपुर विधानसभा की पूरी कार्यकारिणी को ही कांग्रेस में शामिल कराकर भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा रोकने की एक मजबूत पहल की है, अभी हाल ही में यूकेडी के दिग्गज प्रदेश-स्तरीय नेता ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर भाजपा को हैरान-परेशान किया है ।
भाजपा को चिंताग्रस्त करने की शुरुआत रावत ने उसकी पूर्ववर्ती भारतीय-जनसंघ के स्थापना-पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र प्रख्यात न्यायविद चन्द्रशेखरपण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय को अपना मुख्य प्रमुख सलाहकार नियुक्त कर की थी। उसके बाद कुमाऊं से भाजपा के बड़े नामों के इस्तीफों की शुरुआत हो गयी थी, इसके बाद पूरे प्रदेश में यह सिलसिला शुरू हो गया। आदिल गांधी ने अपने भाषण में चन्द्रशेखर को ही केन्द्र में रखा, उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस उनके हिन्दी अभियान के साथ है, भविष्य में कांग्रेस चन्द्रशेखर को मुख्य-धारा में लाने वाली है ।
गौरतलब है कि नड्डा व चन्द्रशेखर एबीवीपी में साथ रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव से उनके अध्यक्ष बनने तक उनका संवाद रहा है। कल नड्डा नये-पुराने कई चेहरों से मुखातिब होंगे लेकिन संघर्ष और गरीबी के दिनों के उनके साथी उनके साथ नहीं होंगे। कहीं न कहीं किसी कोने में नड्डा को यह कमी खलेगी जरूर, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि नड्डा इस कमी का क्या ‘तोड़ ‘ निकालते हैं? फिलवक्त हम उस नजारे का इंतजार ही करें ।