उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले आज बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य कांग्रेस में शामिल हो गए। प्रदेश की राजनीति में दलितों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ-साथ उनके बेटे विधायक संजीव आर्य ने भी कांग्रेस ज्वाइन कर ली है।
यशपाल आर्य कांग्रेस के उन 9 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। बदले में बीजेपी ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया तो उनके बेट संजीव आर्य को भी टिकट दिया गया। चुनाव से ठीक पहले यशपाल की घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका है।
करीब 69 साल के यशपाल आर्य मौजूदा समय में उत्तराखंड की सियासत में सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं। उनकी घर वापसी से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। न सिर्फ कुमाऊं बल्कि गढ़वाल में भी दलित वोटर्स के बीच आर्य का अच्छा खासा दबदबा माना जाता है। साल 1989 में यशपाल आर्य पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए। 1993 से 1996 के बीच भी वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे।
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उत्तराखंड बनने पर साल 2002 के आम चुनाव में उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। साल 2007 के आम चुनाव में उत्तराखंड विधानसभा के पुनः सदस्य निर्वाचित हुए। इस दौरान कांग्रेस कार्यकाल में 2002 से 07 के बीच यशपाल आर्य विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। आर्य पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
यशपाल आर्य बाजपुर से और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। आर्य वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में मंत्री हैं और उनके पास परिवहन समाज कल्याण अल्पसंख्यक निर्वाचन अधिकारी समेत छह विभाग हैं।