रांची। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( Hemant Soren) को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही अंतरिम जमानत वाली याचिका भी खारिज कर दी। हाईकोर्ट के कार्यकारी न्यायाधीश और न्यायाधीश नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई पूरी होने के बाद 28 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा लिया था।
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को अदालत से थोड़ी राहत भी मिली है। उन्हें छह मई को अपने चाचा के श्राद्ध कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि, सोरेन को मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी गई।
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि ईडी जिस जमीन की बात कर रहा है, वह जमीन उनके नाम कभी रही ही नहीं। फैसला सुनाने में देरी होने पर हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिस पर छह मई को सुनवाई होनी है।
रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है जांच
सोरेन (Hemant Soren) के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था।
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सोरेन (Hemant Soren) ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।