लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में मंगलवार को बड़ी हलचल हुई है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना इस्तीफा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) ज्वॉइन कर सकते हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे गए अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।’
अखिलेश से सीधे संपर्क में हैं स्वामी प्रसाद मौर्य!
पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी स्वामी प्रसाद मौर्य, बीजेपी का दामन छोड़कर अखिलेश यादव की साईकिल पर सवार हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ज्वॉइनिंग मामले को सीधे अखिलेश यादव देख रहे हैं और बातें उनके स्तर पर ही हो रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
पिछले चुनाव में बीजेपी को सत्ता में पहुंचाने का श्रेय पिछड़ी जातियों को जाता है और इस बार अखिलेश यादव हर हाल में पिछड़ी जातियों को अपने तरफ मोड़ने में लगे हैं। यही वजह है कि छोटे छोटे दलों से गठबंधन के अलावा उन्होंने पिछड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने का अभियान छेड़ रखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य इस अभियान का हिस्सा हैं।
दो और मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा
स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के भी इस्तीफे की अटकलें हैं। धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान दोनों उनके खेमे के माने जाते हैं। तीनों योगी सरकार में मंत्री हैं, लेकिन तीनों बीएसपी के बड़े नेता रहे हैं और बसपा सरकार में भी मंत्री रहे हैं। ऐसे में इन तीनों के भाजपा छोड़ने की चर्चा है। स्वामी प्रसाद ने मंत्री पद छोड़ भी दिया।