बॉलीवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन ने किसान आंदोलन को लेकर विदेशी हस्तियों के बयानों के बीच एक पोस्ट किया है। उनकी पोस्ट को लेकर यह कहा जा रहा है कि शायद उन्होंने विदेशी हस्तियों के प्रॉपोगेंडा के जवाब में यह लिखा है। दरअसल अमिताभ बच्चन ने बुधवार देर रात एक ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘तर्क का जवाब तो तर्क में दिया जा सकता है। पर विश्वास का जवाब तर्क के पास नहीं है।’
अन्य सितारों की तरह अमिताभ बच्चन ने इस पोस्ट के साथ IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda शेयर नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि भारतीयता के प्रति विश्वास को लेकर उन्होंने यह बात कही है। अमिताभ बच्चन का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और फैन्स इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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“तर्क का जवाब तो तर्क में दिया जा सकता है
पर विश्वास का जवाब तर्क के पास नहीं है। ” ~ Ef ViBayou can give an answer to an argument with an argument ;
but an answer to trust does not lie with argument— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) February 3, 2021
इससे पहले बुधवार को अक्षय कुमार, अनुपम खेर, करण जौहर, सुनील शेट्टी, कंगना रनौत समेत तमाम सितारों ने भारत सरकार की राय का समर्थन करते हुए ट्वीट किए थे। दरअसल रिहाना, मिया खलीफा और ग्रेटा थनबर्ग जैसी विदेशी हस्तियों के ट्वीट के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर नसीहत दी गई थी। मंत्रालय के इस बयान के बाद ही तमाम हस्तियों ने ट्वीट किए थे। यही नहीं देर शाम लता मंगेशकर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे सितारों ने भी ट्वीट किए थे। वहीं कंगना रनौत ने तो रिहाना पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें मूर्ख करार दे दिया था। इसके अलावा रिहाना के न्यूड शो की तस्वीरें शेयर करते हुए कंगना ने लिखा था, ‘संघी नारी सबपे भारी…।’
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हालांकि इस बीच कुछ सिलेब्रिटीज ऐसी भी हैं, जिन्होंने रिहाना जैसी हस्तियों का ही समर्थन किया है। गुरुवार सुबह तापसी पन्नू ने भी कुछ ऐसा ही ट्वीट किया है। तापसी पन्नू ने लिखा है, ‘यदि एक ट्वीट आपकी एकता कमजोर करता है। यदि एक जोक आपके विश्वास को कमजोर करता है और एक शो आपके धार्मिक विश्वासों पर चोट करता है तो फिर आपको अपने वैल्यू सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है। दूसरों के लिए प्रॉपेगेंडा टीचर बनने की जरूरत नहीं है।’