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योगी सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना काल में लगे तीन लाख मुकदमें होंगे वापस

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए कोरोना काल में सूबे के आम लोगों पर लगे तीन लाख से अधिक मुकदमों की वापसी का आदेश जारी कर दिया। हालांकि वर्तमान और पूर्व सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस नहीं होंगे।

न्याय विभाग ने मंगलवार को मुकदमे वापस लेने संबंधी आदेश जारी कर दिया। आदेश में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005, महामारी अधिनियम-1897, भादवि की धारा-188 और इससे संबद्ध अन्य कम गंभीर अपराध की धाराओं (दो वर्ष से कम सजा वाली) में लगभग तीन लाख मुकदमे पंजीकृत हैं। वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों को छोड़कर जिन मुदकमों में आरोप-पत्र दाखिल हो चुके हैं, वे वापस लिए जाएंगे।

राज्य सरकार ने पहले घोषणा की थी कि व्यापारियों के खिलाफ कोरोना काल में प्रोटोकॉल और लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएंगे। लेकिन सरकार ने अब यह फैसला सभी लोगों के लिए ले लिया है।

न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया था। उसमें कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन में दर्ज मुकदमों की समीक्षा करने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद मुकदमे वापसी पर विचार का सुझाव दिया गया था, जिसे स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि कोरोना काल में कोविड प्रोटोकॉल व लॉकडाउन के उल्लंघन में दर्ज मुकदमें वापस लेने के लिए राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दे दिए गए हैं।

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